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मरीजों से अभद्रता और इलाज में देरी कतई बर्दाश्त नहीं: CM धामी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 19 जन॰
  • 2 मिनट पठन



दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Doon Medical Collage Hospital) के नए प्रभारी एमएस डॉ. आरएस बिष्ट ने शनिवार को कार्यभार संभालते ही अस्पताल का विस्तृत दौरा किया और फिर अस्पताल के अफसरों, डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के संचालन को लेकर कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए और स्पष्ट किया कि मरीजों से कोई भी अभद्रता या इलाज में देरी बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने पर संबंधित डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


डॉ. बिष्ट ने अस्पताल के तीनों बिल्डिंगों की सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात करते हुए सुपरवाइजरों को निर्देशित किया कि वे हर दो घंटे में सफाई सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने डॉक्टरों से ओपीडी के संचालन के संबंध में भी सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक ओपीडी में उपस्थित रहना होगा और मरीजों को पूरी तरह से समर्पित होकर देखना होगा।


वहीं, अस्पताल के वार्डों में इंचार्जों को मरीजों से मृदुल व्यवहार करने और उनके तीमारदारों को सही और पूरी जानकारी देने की हिदायत दी गई। डॉ. बिष्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों को अपनी जिम्मेदारियां पूरी ईमानदारी से निभानी होंगी। उन्होंने इमरजेंसी में तैनात ईएमओ से यह सुनिश्चित करने को कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को 30 मिनट के भीतर देखें और एक घंटे के भीतर मरीज को भर्ती किया जाए। इसके अलावा, पीडिया मरीजों को सीधे वार्ड में भर्ती करने का निर्देश भी दिया गया।


उन्होंने पीजी (पोस्ट-ग्रेजुएट) डॉक्टरों से यह अपेक्षाएं कीं कि वे इमरजेंसी में नॉन-पीजी डॉक्टरों को तैनात न करें। इसके अलावा, आयुष्मान विंग को निर्देशित किया गया कि वे प्रतिदिन वार्डों का दौरा करें और बिना आयुष्मान योजना के मरीजों का ब्योरा इकट्ठा करें। साथ ही, जिन मरीजों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है, उनका कार्ड शीघ्र बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए।


यह निर्देश अस्पताल के कार्यों को अधिक व्यवस्थित और मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से दिए गए हैं, ताकि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज की गुणवत्ता और अस्पताल की व्यवस्था में सुधार हो सके।

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