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Uttarakhand: महिला सशक्तिकरण योजनाओं का होगा ऑडिट, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों से मांगी सटीक जानकारी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 9 मार्च
  • 2 मिनट पठन



महिला सशक्तीकरण से जुड़ी सभी योजनाओं का व्यापक ऑडिट किया जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि कौन सी योजनाओं का प्रदर्शन बेहतर है और कौन सी योजनाएं अपेक्षाकृत कमजोर हैं। इस निर्णय के साथ, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को इन योजनाओं की सटीक जानकारी एकत्रित करने का निर्देश भी दिया है।


शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास समिति की बैठक में, मुख्य सचिव ने महिला सशक्तीकरण की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करने के लिए ऑडिट कराने की योजना पर चर्चा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए कि महिला योजनाओं का प्रभाव लक्षित वर्ग पर स्पष्ट रूप से पड़े, और इन योजनाओं के प्रदर्शन में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।


मुख्य सचिव ने कहा कि सचिव स्तर पर इन योजनाओं के नए ड्राफ्ट पर काम करने की जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी। अधिकारियों को योजना के प्रभावी मूल्यांकन करने की हिदायत दी गई, ताकि लक्षित वर्ग को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास को मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के साथ-साथ विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित महिला आजीविका योजनाओं को आपस में जोड़ने के निर्देश दिए हैं।


इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव ने बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मेधावी छात्राओं के लिए देशभर में शैक्षिक भ्रमण आयोजित करने की योजना पर भी कार्य करने को कहा। उन्होंने प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में महिलाओं और बालिकाओं के लिए मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए आंगनवाड़ी के माध्यम से सैनेटरी नैपकिन वितरण की कार्ययोजना तैयार करने की दिशा में भी निर्देश दिए।


महिलाओं में एनीमिया उन्मूलन अभियान को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की बात करते हुए, मुख्य सचिव ने इसे गंभीरता से लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, विनय शंकर पांडेय, नीरज खैरवाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

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