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डिजिटल युग में आंखों की देखभाल जरूरी, 'रूल ऑफ ट्वेंटी' अपनाने की सलाह

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 15 फ़र॰
  • 2 मिनट पठन



देहरादून: मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप पर बढ़ते स्क्रीन टाइम के चलते लोगों की आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों में जलन, सूखापन और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इनसे बचाव के लिए दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा ने 'रूल ऑफ ट्वेंटी' को अहम बताया है। उन्होंने कहा कि हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए आंखों को आराम दें और 20 बार पलकें झपकाएं। इससे आंखों को राहत मिलेगी और उनकी सेहत बनी रहेगी।


ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को अतिरिक्त सतर्कता जरूरी


शुक्रवार को अमर उजाला कार्यालय में आयोजित कार्यशाला में डॉ. ओझा ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को आंखों से जुड़ी समस्याओं का अधिक खतरा रहता है। आंखों में अचानक धुंधलापन आना या कुछ सेकंड के लिए अंधेरा छा जाना हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है। ऐसे में समय पर जांच करवाना जरूरी है। उन्होंने 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से नेत्र परीक्षण कराने की सलाह दी।


आंखों की देखभाल के लिए जरूरी टिप्स


काजल के अधिक उपयोग से बचें, क्योंकि इससे आंसू निकलने का मार्ग बाधित हो सकता है।


मुंह धोते समय आंखें बंद रखें, खासकर साबुन लगाते वक्त।


आंखों पर सीधे पानी के छींटे न मारें, यदि आवश्यक हो तो पानी की शुद्धता और पीएच वैल्यू का ध्यान रखें।


रात में गाड़ी चलाते समय नाइट विजन चश्मा पहनें, यदि सामने से आने वाली लाइटों से परेशानी होती हो।



बच्चों की आंखों की सेहत का भी रखें ध्यान


डॉ. ओझा ने बताया कि यदि बच्चों को प्लस नंबर का चश्मा लगा है, तो सही देखभाल से उनकी दृष्टि में सुधार हो सकता है। उन्होंने हर छह महीने में बच्चों की आंखों की जांच करवाने और एक घंटे से अधिक मोबाइल न देने की सलाह दी।

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