
ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति का मान-सम्मान और यश समाज में ऐसे फैलता है जैसे सूरज की किरणें हर ओर रोशनी बिखेरती हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं होती, तो उसे जीवन के विभिन्न पहलुओं में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर करियर, मान-सम्मान और समृद्धि के क्षेत्र में कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं।
सूर्य की स्थिति का महत्व:
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कुंडली में सूर्य की स्थिति यह निर्धारित करती है कि मनुष्य का जीवन कैसा होगा। अगर सूर्य की स्थिति ठीक होती है तो जातक को सरकारी नौकरी, उच्च पद, प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त होते हैं। वहीं, यदि सूर्य की स्थिति कमजोर या खराब होती है, तो जातक को समाज, नौकरी और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके व्रत, पूजा और आराधना आवश्यक मानी जाती है।
सूर्य को प्रसन्न करने के उपाय:
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को प्रसन्न करने के लिए सबसे प्रभावी उपाय यह है कि रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित किया जाए। इस दिन सूर्य चालीसा का पाठ करना भी बहुत लाभकारी होता है। सूर्य को जल अर्पित करने से उनके शुभ प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है, जिससे व्यक्ति के जीवन की परेशानियां कम हो सकती हैं और करियर में उन्नति मिल सकती है।
श्री सूर्य चालीसा
दोहा:
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कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।।
चौपाई:
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जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर।
भानु, पतंग, मरीची, भास्कर, सविता, हंस, सुनूर, विभाकर।
विवस्वान, आदित्य, विकर्तन, मार्तण्ड, हरिरूप, विरोचन।
अंबरमणि, खग, रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते।
सहस्रांशु, प्रद्योतन, कहि कहि, मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि।
अरुण सदृश सारथी मनोहर, हांकत हय साता चढ़ि रथ पर।
मंडल की महिमा अति न्यारी, तेज रूप केरी बलिहारी।
उच्चैश्रवा सदृश हय जोते, देखि पुरन्दर लज्जित होते।
मित्र, मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर, सविता,
सूर्य, अर्क, खग, कलिहर, पूषा, रवि,
आदित्य, नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै।
द्वादस नाम प्रेम सो गावैं, मस्तक बारह बार नवावै।
चार पदारथ सो जन पावै, दुख दारिद्र अघ पुंज नसावै।
नमस्कार को चमत्कार यह, विधि हरिहर कौ कृपासार यह।
उपाख्यान:
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जो व्यक्ति प्रतिदिन सूर्य देव की आराधना करते हैं और श्री सूर्य चालीसा का पाठ करते हैं, वे जीवन में कठिनाइयों से मुक्त होते हैं। उनकी दरिद्रता दूर होती है और उन्हें मनचाहा जीवनसाथी, करियर में सफलता, और समाज में उच्च सम्मान मिलता है।
उपसंहार:
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सूर्य देव की पूजा और आराधना से व्यक्ति का जीवन रोशन हो सकता है। खासकर रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। सूर्य देव की कृपा से न केवल करियर की परेशानियाँ हल होती हैं, बल्कि समृद्धि और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। इसलिए, यदि आप भी जीवन में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना कर रहे हैं तो सूर्य देव को प्रसन्न करने के उपाय जरूर अपनाएं।