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Uttarakhand: प्रदेश के 13 आईटीआई को अब TATA टेक्नोलॉजी करेगा उच्चीकृत, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 18 फ़र॰
  • 2 मिनट पठन



देहरादून: उत्तराखंड में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री 4.0 के तहत 13 आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का उच्चीकरण किया जाएगा। टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड (टीटीएल) के सहयोग से इन संस्थानों को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा, जिससे युवाओं को नवीनतम औद्योगिक प्रशिक्षण और रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।


सोमवार को कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग और टाटा टेक्नोलॉजी के बीच इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभागीय सचिव सी. रविशंकर, निदेशक संजय कुमार, टीटीएल के ग्लोबल हेड सुशील कुमार और नॉर्थ हेड रणधीर सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


इन जिलों के आईटीआई होंगे उच्चीकृत


राज्य सरकार ने उच्चीकरण के लिए हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में दो-दो आईटीआई तथा देहरादून, उत्तरकाशी, नई टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा में एक-एक आईटीआई को चुना है। इन संस्थानों में बिजली, पानी, फर्नीचर, एयर कंडीशनिंग, जनरेटर, आवश्यक पीसीसी, आरसीसी और एपोक्सी कोटिंग जैसी बुनियादी सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक आईटीआई में 10,000 वर्ग फुट की आधुनिक कार्यशाला का निर्माण किया जाएगा।


30 नए कोर्स होंगे शुरू


आईटीआई में छह दीर्घकालिक (एक से दो वर्षीय) और 23 लघु अवधि (270 से 390 घंटे तक) के कोर्स शुरू किए जाएंगे। इनमें मैकेनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल, एडवांस सीएनसी मशीनिंग, इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स एंड डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, बेसिक डिजाइनर एंड वर्चुअल वेरीफायर, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस कंट्रोल एंड ऑटोमेशन, आर्टिजन यूजिंग एडवांस्ड टूल्स जैसे अत्याधुनिक पाठ्यक्रम शामिल हैं।


शुरुआती दो वर्षों तक टाटा टेक्नोलॉजी द्वारा प्रत्येक संस्थान में दो प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जबकि तीसरे वर्ष में एक प्रशिक्षक रखा जाएगा।


सरकार और टाटा टेक्नोलॉजी साझा करेंगे खर्च


इस परियोजना पर कुल ₹433.45 करोड़ का खर्च आएगा, जिसमें से 87% (₹368.48 करोड़) टाटा टेक्नोलॉजी द्वारा और 13% (₹64.97 करोड़) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।


मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा, "सरकार का लक्ष्य युवाओं को अत्याधुनिक तकनीक में प्रशिक्षित करना है, जिससे उन्हें देश-विदेश में रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। यह पहल न केवल उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी बल्कि युवाओं के करियर को भी नई दिशा देगी।"

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