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उत्तराखंड के 117 मदरसों में लागू होगा राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम, वक्फ बोर्ड ने जारी किए आदेश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 17 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन

उत्तराखंड के 117 मदरसों में अब राज्य शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू होगा। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के अनुसार, राज्य शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम के पालन हेतु सभी मदरसा प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस बदलाव के बाद, मदरसों में अब बच्चों को "तहतानिया" और "फौकानिया" जैसे पारंपरिक धार्मिक पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाए जाएंगे। इसके साथ ही, "मुंशी" और "मौलवी" जैसी पारंपरिक धार्मिक शिक्षा भी इन मदरसों में नहीं दी जाएगी।


मदरसों को मान्यता मिलने की प्रक्रिया:

इस कदम के तहत, वक्फ बोर्ड ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के सभी पंजीकृत मदरसों में अब बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे, जो कि उत्तराखंड बोर्ड के सरकारी स्कूलों में पढ़ाए जाते हैं। संस्कृत को एक वैकल्पिक विषय के रूप में रखा जाएगा।


वक्फ बोर्ड के सीईओ एसएस उस्मान ने सभी पंजीकृत मदरसों के प्रबंधकों, प्रशासकों और मुतवल्ली को आदेश दिए हैं कि वे अपने मदरसों को उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से मान्यता दिलाने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से समन्वय स्थापित करें। साथ ही, अगर इस काम में कोई भी कठिनाई आती है, तो उसकी लिखित सूचना वक्फ बोर्ड को दी जाए।


सील किए जा रहे अवैध मदरसे:

उत्तराखंड में इन दिनों बिना मान्यता के चल रहे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद, अब तक 171 मदरसों को सील किया जा चुका है। वक्फ बोर्ड की योजना है कि इन मदरसों को भी राज्य शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम के तहत मॉडल मदरसा में बदला जाए, ताकि बच्चों को एक समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।


ठोर कार्रवाई का अल्टीमेटम:

वक्फ बोर्ड ने साफ किया है कि यदि कोई मदरसा प्रबंधन इन आदेशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को भी निर्देश दिए हैं कि सभी मुख्य शिक्षा अधिकारी इस मामले में पूर्ण सहयोग करें।


वक्फ बोर्ड का यह निर्णय राज्य के मदरसों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे बच्चों को एक बेहतर शिक्षा मिलेगी और वे सामाजिक, शैक्षिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से बेहतर तैयार हो सकेंगे।

-शादाब शम्स, अध्यक्ष, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड

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