केदारनाथ रोपवे से होगा घंटों का सफर मिनटों में, अक्टूबर से शुरू होगा निर्माण कार्य
- ANH News
- 6 मार्च
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उत्तराखंड: अक्टूबर से शुरू होने वाला केदारनाथ रोपवे निर्माण कार्य आने वाले समय में यात्रियों के लिए एक नई सुविधा लेकर आएगा। इस रोपवे परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया 19 मार्च तक पूरी हो जाएगी, और इसके बाद डिजाइन और अन्य औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस परियोजना के तहत, 13 किमी लंबा रोपवे दो चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी का निर्माण कार्य किया जाएगा।
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस महत्वपूर्ण परियोजना की जिम्मेदारी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLM) को सौंप दी है। पिछले दो वर्षों में, एजेंसियों के माध्यम से प्रशासन और वन विभाग के सहयोग से इस परियोजना के लिए हवाई और भूमिगत सर्वेक्षण किए गए और सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की गईं। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक के इस रोपवे के निर्माण के लिए 26 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण भी किया गया है।
इस रोपवे में कुल 22 टॉवर लगाए जाएंगे, जो इसे स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करेंगे। रोपवे में उपयोग होने वाले गंडोला विशेष डिजाइन के तहत बनाए जाएंगे, और इसे आधुनिक तकनीक के साथ स्थापित किया जाएगा।
केदारनाथ रोपवे में पांच प्रमुख स्टेशन होंगे: सोनप्रयाग, केदारनाथ, गौरीकुंड, चिरबासा, और लिनचोली। इनमें से चिरबासा और लिनचोली को टेक्निकल स्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जिनका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रियों की सहायता करना होगा।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का पहला चरण अक्टूबर से शुरू होकर 9.7 किमी तक फैलेगा, और इस दौरान सभी आवश्यक डिजाइन और औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। यह रोपवे निर्माण कार्य केदारनाथ यात्रा को और भी सरल और सुरक्षित बनाने में मदद करेगा, जिससे यात्रियों को एक शानदार और सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।
प्रशांत जैन, प्रेसिडेंट, नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने कहा, "यह परियोजना न केवल केदारनाथ यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि इसके साथ-साथ स्थानीय विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।