प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड कैबिनेट में जल्द होगा बदलाव, विधायकों की नजरें मंत्री पद पर
- ANH News
- 17 मार्च
- 3 मिनट पठन

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पद से इस्तीफा देने के साथ ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में फेरबदल की संभावना एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री धामी ने इसे राज्यपाल को भेज दिया है, और इसके बाद यह चर्चा सामने आ रही है कि फेरबदल के लिए मुख्यमंत्री सोमवार को दिल्ली जा सकते हैं, जहां वह केंद्रीय नेतृत्व से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।
यह राजनीतिक हलचल और कैबिनेट में संभावित बदलावों के बीच कई मंत्रियों के बदलने और नए चेहरों को शामिल करने की अटकलें तेज हो गई हैं। विशेष रूप से ध्यान देने वाली बात यह है कि 23 मार्च को धामी सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, जिससे पहले ही कैबिनेट बदलाव की संभावना जताई जा रही थी।
प्रेमचंद अग्रवाल का विवादित बयान और इस्तीफे की वजह
पार्टी के भीतर प्रेमचंद अग्रवाल के विवादित बयान को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। उनका बयान, जो क्षेत्रवाद पर था, पार्टी में अंदरूनी विवादों को जन्म दे गया था। हालांकि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और अग्रवाल ने इस पर डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रियाओं ने इसे और हवा दे दी। इस घटनाक्रम के बाद केंद्रीय नेतृत्व से भी कार्रवाई के संकेत मिल गए थे, और अग्रवाल को होली के बाद इस्तीफा देने के लिए कहा गया था ताकि उन्हें सम्मानजनक तरीके से विदा किया जा सके।
धामी कैबिनेट में खाली कुर्सियों की स्थिति
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद धामी कैबिनेट में अब कुल पांच मंत्री पद खाली हो गए हैं। इसके अलावा, पहले से ही चंदन राम दास के निधन के बाद एक पद खाली था, और सरकार के गठन के दिन से ही तीन पद खाली रखे गए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए खाली पदों को भरना और कैबिनेट में फेरबदल करना जरूरी हो गया है।
विधायकों के अरमानों को पंख लगने की संभावना
धामी कैबिनेट में खाली हुए पदों को भरने की संभावना से पार्टी के विधायकों के बीच उत्साह देखा जा रहा है। वर्तमान में पार्टी में बिशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक, बंशीधर भगत, खजानदास, अरविंद पांडेय जैसे वरिष्ठ विधायक हैं, जो पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इन विधायकों के नाम को लेकर चर्चा हो रही है कि कौन सा नाम केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री धामी के लिए उपयुक्त रहेगा।
मंत्री पद की दौड़ में प्रमुख नाम
माना जा रहा है कि धामी कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए नए मंत्रियों का चयन किया जाएगा। विशेष रूप से हरिद्वार और टिहरी लोकसभा क्षेत्रों से नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस दौड़ में प्रमुख नामों में हरिद्वार से मदन कौशिक, आदेश चौहान और विनोद चमोली का नाम शामिल है। वहीं, टिहरी क्षेत्र से खजानदास, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुंडीर और उमेश शर्मा काऊ के नाम भी चर्चा में हैं। इसके अलावा, गढ़वाल से एक हैवीवेट मंत्री को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण और अन्य नामों की चर्चा
स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण के कैबिनेट में शामिल होने की संभावना भी चर्चा में है। इसके अलावा, नैनीताल-यूएसनगर से अरविंद पांडेय और शिव अरोड़ा, और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से बिशन सिंह चुफाल के नाम भी मंत्री पद की दौड़ में हैं।
सीएम धामी ने नहीं तोड़ी चुप्पी
हालांकि, मंत्री अग्रवाल के इस्तीफे के बाद कैबिनेट विस्तार और फेरबदल की चर्चाएं तेज हो गई हैं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका चुप रहना और पार्टी के भीतर और बाहर हो रही चर्चाओं ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व इस पर कब और किस रूप में निर्णय लेते हैं।