उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर ताला, मुख्यमंत्री धामी का फरमान- लंबे समय से तैनात अधिकारियों के ट्रांसफर करें
- ANH News
- 29 मार्च
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उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। उन्होंने सभी विभागों के अफसरों और कर्मचारियों के कार्यस्थल में बदलाव करने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। यह निर्देश उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक बैठक के दौरान दिए, जिसमें 1064 हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा हुई।
भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने के लिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सभी विभागों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के निर्माण में कोई कसर न छोड़ी जाए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे 1064 हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली को निरंतर प्रभावी बनाये रखें और विजिलेंस के साथ मिलकर भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करें। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने की बात की कि शिकायतकर्ताओं की गोपनीयता बनी रहे और सही पाए जाने पर उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाए।
कठोर कार्रवाई और ट्रैप की कार्यवाही में तेजी
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सघन जांच की जाए और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो कठोर कार्रवाई की जाए। इस संबंध में, बैठक में बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में 66 लोग ट्रैप किए गए हैं और 72 भ्रष्टाचारी हिरासत में लिए गए हैं। इन आंकड़ों में सबसे अधिक संख्या राजस्व विभाग, पुलिस, और विद्युत विभाग के कर्मचारियों की है।
सामाजिक योगदान और शिकायतों की प्रभावशीलता
2025 तक 1064 टोल फ्री नंबर और वेबसाइट के माध्यम से अब तक 343 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, रिवॉल्विंग फंड के तहत शिकायतकर्ताओं को ट्रैप की धनराशि वापस करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। वर्तमान में 33 लोग को उनकी धनराशि वापस करने की प्रक्रिया चल रही है।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, श्री एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेशन, और अन्य विभागीय प्रमुख एवं जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री धामी के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाए हुए है और राज्य में पारदर्शिता तथा न्यायपूर्ण प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।