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उत्तराखंड में धामी सरकार ने अबतक 136 मदरसों को किया सील

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 25 मार्च
  • 2 मिनट पठन



उत्तराखंड सरकार ने अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बाद अब इन मदरसों की फंडिंग की गहन जांच करने का निर्णय लिया है। इस जांच की रिपोर्ट अधिकारी सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपेंगे। पिछले एक महीने से प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है, और सरकार अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि इन मदरसों को संचालित करने के लिए पैसा कहां से आ रहा है।


सोमवार को देहरादून जिले के सहसपुर क्षेत्र में एक बड़े मदरसे को अवैध निर्माण के कारण सील कर दिया गया। यह मदरसा बिना प्राधिकरण की अनुमति के एक अतिरिक्त मंजिल का अवैध रूप से निर्माण कर रहा था। अब सवाल यह है कि इन मदरसों को चलाने और उनके कर्मचारियों के वेतन के लिए फंड कहां से आ रहा है। जांच के दौरान यह स्पष्ट होगा कि इन मदरसों को चलाने के लिए कहीं बाहर से, विशेषकर दूसरे देशों से, फंडिंग तो नहीं हो रही है।


जिला स्तर की कमेटी करेगी जांच

प्रदेश में करीब 450 पंजीकृत मदरसे हैं, जो शासन को अपने सभी दस्तावेज, बैंक खाते और आय-व्यय का पूरा ब्योरा प्रस्तुत करते हैं। वहीं, 500 से अधिक मदरसे बिना किसी मान्यता के संचालित हो रहे हैं। शासन ने अब इन अवैध मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का सत्यापन और इन मदरसों के आर्थिक स्रोतों की जांच करने के लिए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन मदरसों को फंडिंग कहां से मिल रही है और उसका उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है।


सीमा से सटे क्षेत्रों में अवैध मदरसों की बढ़ती संख्या

हाल ही में उत्तर प्रदेश से सटे क्षेत्रों जैसे जसपुर, बाजपुर, किच्छा, काशीपुर, रुद्रपुर, गदरपुर, पछवादून और हरिद्वार जिले में अवैध मदरसों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इन क्षेत्रों में अवैध मदरसों का खुलना सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।


अवैध मदरसों की संख्या और कार्रवाई

अब तक की कार्रवाई के तहत विभिन्न जिलों में कई अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है। अवैध मदरसों की संख्या इस प्रकार है:


ऊधमसिंह नगर: 64


देहरादून: 44


हरिद्वार: 26


पौड़ी गढ़वाल: 02


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अवैध मदरसों, मजारों और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। अवैध रूप से मदरसों का संचालन एक गंभीर मामला है, और इसकी जांच के लिए अधिकारियों को सभी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

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