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विधानसभा अध्यक्ष से मंत्री पद तक, प्रेमचंद अग्रवाल के राजनीतिक सफर में हर कदम पर में छाए रहे इन विवादों के बादल...

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 17 मार्च
  • 2 मिनट पठन



उत्तराखंड: चौथी बार के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल का राजनीतिक सफर विवादों से घिरा रहा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री तक कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, लेकिन हर बार किसी न किसी विवाद ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। वर्तमान में उनके पास वित्त, राज्य कर और संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी, और इस बार अपने एक बयान को लेकर वह क्षेत्रवाद के मसले पर विवादों में फंस गए। उनके इस बयान से भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।


प्रेमचंद अग्रवाल ने 2007 में पहली बार ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वह लगातार चार बार इस सीट से विधायक बने। 2017 से 2022 तक वह उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष रहे। हालांकि, राजनीति में उनकी "प्रेम" के साथ हमेशा विवादों का भी नाता रहा है।


विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए उन पर विधानसभा सचिवालय में नियमों का उल्लंघन करते हुए तदर्थ नियुक्तियां करने के आरोप लगे। 2016 से 2021 तक की गई 228 नियुक्तियों को रद्द करने के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने उन कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। विपक्ष ने उस समय अग्रवाल से इस्तीफा देने की मांग भी की थी।


2018 में एक और विवाद उस समय उभरा जब उन्होंने अपने बेटे को उपनल के माध्यम से जल संस्थान में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त कर दिया था। इस नियुक्ति पर विपक्ष और विभिन्न संगठनों ने सवाल उठाए थे, क्योंकि उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को नौकरी दी जाती है। ऐसे में मंत्री के बेटे को यह पद कैसे मिला? इस विवाद के बाद मंत्री के बेटे को जल संस्थान से हटा दिया गया।


13 जून 2019 को, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जब ऋषिकेश में नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करने पहुंचे, तो प्रेमचंद अग्रवाल और राज्य मंत्री भगतराम कोठारी के बीच तीखी झड़प हो गई। दोनों के बीच गाली-गलौज तक हो गई, जो केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंची।


इसके बाद, 2 मई 2023 को एक और विवाद उभरा जब प्रेमचंद अग्रवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह कोयल घाटी में एक युवक के साथ हाथापाई करते दिख रहे थे। वीडियो में दोनों के बीच तीखी बहस के बाद यह हाथापाई में बदल गई। युवक ने आरोप लगाया कि मंत्री ने उसे थप्पड़ मारा था, जिससे यह घटना और ज्यादा सुर्खियों में आ गई।


इस तरह से प्रेमचंद अग्रवाल का राजनीतिक जीवन विवादों से अछूता नहीं रहा है, चाहे वह उनके पदों की जिम्मेदारियां हों या फिर निजी मुद्दे।

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