Uttarakhand: एक लाख करोड़ के पार का बजट, सात बिन्दुओ पर विशेष फोकस
- ANH News
- 21 फ़र॰
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उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01,175.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13.38% अधिक है। पहली बार राज्य का बजट एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरुवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि उत्तराखंड "विकसित भारत में सशक्त योगदान" देने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार "ज्ञान" और "नमो" मंत्र को आधार बनाएगी।
बजट का मुख्य ढांचा
कुल व्यय: 1,01,175.33 करोड़ रुपये
राजस्व व्यय: 59,854.65 करोड़ रुपये
पूंजीगत व्यय: 41,220.68 करोड़ रुपये
संभावित राजस्व प्राप्ति: 1,01,034.74 करोड़ रुपये
कर राजस्व: 62,540 करोड़ रुपये
पूंजीगत प्राप्तियां: 38,494.21 करोड़ रुपये
राजकोषीय घाटा: 12,504.92 करोड़ रुपये (एफआरबीएम एक्ट की सीमा के भीतर)
अवसंरचना कार्यों पर खर्च: 14,763.13 करोड़ रुपये
"नमो" और "ज्ञान" मंत्र पर आधारित बजट
वित्त मंत्री ने बजट को "नमो" मंत्र के चार स्तंभों पर आधारित बताया:
नवाचार (Innovation) – पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधार प्रणामीकरण, ऊर्जा दक्ष पंप, स्मार्ट मीटर, विज्ञान केंद्र, साइंस सिटी आदि।
आत्मनिर्भर उत्तराखंड (Self-Reliant Uttarakhand) – कृषि, ऊर्जा, संयोजकता, आयुष, उद्योग, अवसंरचना और पर्यटन पर जोर।
महान विरासत (Great Heritage) – शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश-ओम पर्वत दर्शन की सुगमता, हरिद्वार-ऋषिकेश पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट।
ओजस्वी मानव संसाधन (Vibrant Human Resource) – उद्यमिता, स्टार्टअप्स, नॉलेज इकोनॉमी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), खेल सुविधाओं का विस्तार, खिलाड़ियों और किसानों के लिए योजनाएं।
इसके अलावा, बजट में सरकार ने "ज्ञान" मंत्र के तहत गरीब (Gareeb), युवा (Yuva), अन्नदाता (Annadata) और नारी (Naari) कल्याण को प्राथमिकता दी है।
"सप्तऋषि" मॉडल से समृद्ध और सशक्त उत्तराखंड का लक्ष्य
सरकार ने "सप्तऋषि मॉडल" के तहत समृद्ध, सशक्त और विकसित उत्तराखंड के निर्माण का संकल्प लिया है। इसके अंतर्गत आर्थिक मजबूती, बुनियादी ढांचे का विकास, पर्यटन को बढ़ावा, औद्योगिक विस्तार, ऊर्जा संसाधनों का उन्नयन, कृषि सुधार और मानव संसाधन विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।