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साइबर हमले की आशंका: 22 वेबसाइटों को किया बंद, विशेषज्ञों की कोडिंग के बाद शुरू होगा संचालन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 12 फ़र॰
  • 2 मिनट पठन



साइबर हमले के बाद सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। आईटीडीए के विशेषज्ञ अब फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं और इस कड़ी में 22 विभागीय वेबसाइटों की सुरक्षा को पुनः स्थापित करने के लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है। आईटीडीए ने खतरे को भांपते हुए नौ विभागों की वेबसाइटें फिलहाल बंद कर दी हैं, जबकि 13 वेबसाइटें पहले से ही बंद पड़ी हैं।



सुरक्षा ऑडिट और वेबसाइटों की कोडिंग में बदलाव

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पिछले साल अक्टूबर में हुए साइबर हमले के बाद आईटीडीए ने सभी वेबसाइटों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। इसके बाद, एक-एक करके इन वेबसाइटों का सिक्योरिटी ऑडिट किया गया और अन्य सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद ही इन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है। 16 वेबसाइटें ऐसी थीं जिनकी अब आवश्यकता नहीं थी, इसलिए उन्हें हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। इसके अलावा, नौ वेबसाइटों में वायरस फैलने का खतरा था, जिन्हें सुरक्षा कारणों से तुरंत बंद कर दिया गया है।


आईटीडीए के विशेषज्ञों ने 22 वेबसाइटों की कोडिंग को फिर से सुरक्षित बनाने के लिए आईटीआई लिमिटेड, टीसीआईएल जैसी सरकारी कंपनियों के विशेषज्ञों को बुलाया है। इन विशेषज्ञों की टीम इन वेबसाइटों की कोडिंग और सुरक्षा प्रणालियों का नवीनीकरण करेगी, जिसके बाद इन्हें पुनः संचालन के लिए तैयार किया जाएगा।



डिजास्टर रिकवरी सेंटर और नए डाटा सेंटर की योजना

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राज्य के डाटा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए आईटीडीए जल्द ही एक डिजास्टर रिकवरी सेंटर (डीआर सेंटर) स्थापित करेगा। यह सेंटर राज्य से बाहर किसी अन्य भौगोलिक स्थान पर बनाया जाएगा ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा या संकट की स्थिति में राज्य का डाटा सुरक्षित रहे और वेबसाइटों का संचालन बिना किसी रुकावट के किया जा सके। आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस कार्य के लिए 21 एजेंसियों को सूचीबद्ध किया है, और इनमें से सबसे उपयुक्त एजेंसी को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। डिजास्टर रिकवरी सेंटर में राज्य के डाटा की एक कॉपी सुरक्षित रखी जाएगी, जिससे किसी आपात स्थिति में डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।



आईटीडीए का नया डाटा सेंटर

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साइबर हमले के बाद, आईटीडीए अब एक अत्याधुनिक और ज्यादा सुरक्षित डाटा सेंटर का निर्माण कर रहा है। यह डाटा सेंटर आईटी पार्क में स्थित आईटीडीए की नई इमारत में स्थापित किया जाएगा। इस नए डाटा सेंटर का मुख्य उद्देश्य भविष्य में सॉफ्टवेयर विकास के लिए ट्रायल और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को करना होगा।



इस योजना के तहत, आईटीडीए न केवल अपनी वेबसाइटों की सुरक्षा को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि राज्य के डाटा की सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा भी तैयार कर रहा है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में राज्य की सूचना संरचना बिना किसी विघ्न के कार्यशील रह सके।

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