उत्तराखंड सरकार ने सेब, कीवी, ड्रैगन फ्रूट और मोटे अनाज पर 80% तक सब्सिडी देने का किया ऐलान
- ANH News
- 17 अप्रैल
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उत्तराखंड सरकार ने राज्य में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिसमें से प्रमुख प्रस्तावों में सेब, कीवी, ड्रैगन फ्रूट और मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए 80% तक सब्सिडी देने की योजना शामिल है।
कीवी नीति को मिली मंजूरी
राज्य में कीवी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति बनाई गई है, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस नीति के तहत 2030-32 तक राज्य में 3300 हेक्टेयर क्षेत्र में 33,000 मीट्रिक टन कीवी उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में, राज्य में 682 हेक्टेयर में 381 मीट्रिक टन कीवी का उत्पादन हो रहा है। नई नीति के तहत, किसानों को 50 से 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी, जिससे राज्य में कीवी उत्पादन में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।
ड्रैगन फ्रूट और मोटे अनाज के लिए विशेष सब्सिडी
कैबिनेट ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत, एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर आठ लाख रुपये की लागत आएगी, जिसमें 80% तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, उत्तराखंड राज्य मोटे अनाज नीति को भी मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत, मोटे अनाज के बीज, जैविक उर्वरक और कीटनाशकों पर 80% तक अनुदान मिलेगा। पहले चरण में 30,000 हेक्टेयर में और दूसरे चरण में 40,000 हेक्टेयर में मोटे अनाज की खेती की जाएगी।
सीएम सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत सॉर्टिंग और ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रस्ताव भी मंजूरी दी है। इससे छोटे और सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नया आयाम मिलेगा।
सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मुफ्त कॉपियां
प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले 10 लाख छात्रों को अब मुफ्त कॉपियां भी प्रदान की जाएंगी। इससे पहले, छात्रों को मुफ्त किताबें मिलती थीं, लेकिन अब इस कदम से बच्चों की पढ़ाई में और भी मदद मिलेगी।
आपदा प्रबंधन में जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के अधिकार बढ़े
कैबिनेट ने आपदा प्रबंधन के तहत राहत कार्यों के लिए जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के वित्तीय अधिकार बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब जिलाधिकारी को आपदा राहत कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये तक खर्च करने का अधिकार मिलेगा, जबकि मंडलायुक्तों को यह अधिकार बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे आपदा के समय त्वरित राहत और बचाव कार्यों में मदद मिलेगी।
कैबिनेट ने कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए हैं:
-संस्कृत गांव योजना: हर जिले में संस्कृत गांव के लिए प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
-सिरौली कलां को नगर पालिका का दर्जा: यूएसनगर जिले के सिरौली कलां को नगर पालिका बनाने को मंजूरी दी गई।
-ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट योजना: यूएसनगर जिले में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए 11 हेक्टेयर भूमि की निशुल्क आवंटन को मंजूरी दी गई।
-रिस्पना पुल से मोथरोवाला तक बाढ़ क्षेत्र अधिसूचित: देहरादून में रिस्पना पुल से मोथरोवाला तक बाढ़ क्षेत्र को अधिसूचित करने की मंजूरी दी गई।
विश्व बैंक से पेयजल परियोजना को वित्तीय मदद
राज्य सरकार ने विश्व बैंक से पोषित अद्धनगरीय क्षेत्रों के पेयजल योजना के लिए 1042 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी है। यह योजना राज्य के ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति को सुधारने और सुनिश्चित करने के लिए है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार ने कृषि, बुनियादी ढांचे और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। इन निर्णयों से राज्य की कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, और राज्य में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति में सुधार होगा। सरकार के इन फैसलों से राज्य के विकास को गति मिलने की उम्मीद है।