Rishikesh: यातायात सुधार के लिए नई व्यवस्था, शनिवार-रविवार को टूरिस्ट बस और ट्रकों के आवागमन पर प्रतिबंध
- ANH News
- 30 मार्च
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ऋषिकेश: सप्ताहांत में लक्ष्मणझूला क्षेत्र में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए थाना लक्ष्मणझूला पुलिस और कोटद्वार संभागीय परिवहन विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब नीलकंठ मोटर मार्ग पर टूरिस्ट बसों और ट्रकों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शनिवार को इस नई व्यवस्था का ट्रायल किया गया, जो सफल साबित हुआ। इस नियम का पालन नियमित सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसों पर नहीं होगा, और वे अपने निर्धारित रूट पर चलती रहेंगी।
सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) में नीलकंठ मोटर मार्ग पर यातायात का दबाव अधिक हो जाता है, क्योंकि इस रूट पर पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग, कैंपिंग, आश्रमों और मंदिरों का दौरा करने के लिए आते हैं। इसके कारण लक्ष्मणझूला क्षेत्र में वाहनों की भीड़ और जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
लक्ष्मणझूला थाना पुलिस ने इस समस्या से निपटने के लिए विशेष यातायात योजना तैयार की है। गरुड़चट्टी से नीलकंठ तक का सड़क मार्ग संकरा और पर्वतीय होने के कारण यहां अक्सर जाम की स्थिति बनती है। शनिवार को लक्ष्मणझूला पुलिस और कोटद्वार परिवहन विभाग की टीम ने गरुड़चट्टी तिराहे पर संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान टूरिस्ट बस चालकों को सूचित किया गया कि सप्ताहांत में इस मार्ग पर टूरिस्ट बसों और ट्रकों का आवागमन रोका जाएगा।
थानाध्यक्ष संतोष पैथवाल ने बताया कि पर्यटकों को नीलकंठ मंदिर तक पहुंचाने के लिए गरुड़चट्टी से शटल सेवा का संचालन किया जाएगा। इसके माध्यम से यात्री आसानी से नीलकंठ मंदिर तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने स्थानीय बसों और टूर ऑपरेटरों से अपील की कि वे पर्यटकों को सूचित करें कि वीकेंड में बड़ी टूरिस्ट बसों और ट्रकों का आवागमन इस मार्ग पर प्रतिबंधित रहेगा, जबकि स्थानीय बस सेवा पूर्व की तरह चलती रहेगी।
साथ ही, ऋषिकेश शहर में भी चंद्रभागा से जयराम आश्रम तक बैटरी चालित रिक्शा वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह व्यवस्था शनिवार से लागू हो चुकी है, और इसे लेकर बैटरी चालित रिक्शा एसोसिएशन से भी वार्ता की गई थी, जिसमें उन्होंने सहमति व्यक्त की है। इस रूट पर जाम की समस्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, जिससे यातायात में काफी राहत मिली है।
इस नई व्यवस्था से लक्ष्मणझूला और ऋषिकेश क्षेत्र में सप्ताहांत के दौरान यातायात के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सहज यात्रा अनुभव प्राप्त होगा।