38वें राष्ट्रीय खेलों में ताइक्वांडो की साख दांव पर, पदक फिक्सिंग के आरोप में डीओसी को हटाया
- ANH News
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38वें राष्ट्रीय खेलों में ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गंदे खेल खेले जाने की आशंका को लेकर ताइक्वांडो के डीओसी (प्रतियोगिता निदेशक) टी प्रवीण कुमार को हटा दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिलाने के नाम पर 3 से 1 लाख रुपये तक लेकर 10 स्पर्धाओं के परिणाम पहले ही तय कर दिए थे। इस शिकायत के बाद, गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एस दिनेश कुमार को नया निदेशक नियुक्त किया है।
यह निर्णय पीएमसी समिति (प्रिवेंशन ऑफ मैनिपुलेशन ऑफ कंपटीशन) की सिफारिशों पर लिया गया। समिति ने यह सुझाव भी दिया कि खेल से जुड़े कम से कम 50% तकनीकी अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय प्रमाणन प्राप्त अफसरों से बदला जाए।
सुनैना कुमारी ने किया खुलासा
जीटीसीसी की अध्यक्ष सुनैना कुमारी ने कहा कि डीओसी टी प्रवीण कुमार के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं। इसके अलावा, यह भी पता चला कि उन्होंने कुछ राज्य संघों के पदाधिकारियों और चयन ट्रायल के लिए उपकरण विक्रेताओं को खेल के स्वयंसेवक के रूप में नामित किया था। यह जानकर कमेटी को हैरानी हुई। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने भी इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि यह एक चौंकाने वाली और दुखद स्थिति है, कि राष्ट्रीय खेलों के पदक पहले ही तय किए जा रहे थे।
पीएमसी समिति की सिफारिशें
पीएमसी समिति ने यह भी सिफारिश की कि प्रतियोगिता को पूरी तरह से वीडियो रिकॉर्ड किया जाए और जरूरत पड़ने पर संदर्भ के लिए फुटेज सुरक्षित रखी जाए। इसके अलावा, जीटीसीसी द्वारा नियुक्त अधिकारियों की एक टीम को प्रतियोगिता के दौरान आयोजन स्थल पर पूरी तरह से मौजूद रहना चाहिए।
धन की मांग का खुलासा
शिकायतों के अनुसार, ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा नियुक्त कुछ अधिकारियों ने मैचों के परिणाम पहले ही तय कर लिए थे। बताया गया कि स्वर्ण पदक के लिए 3 लाख रुपये, रजत के लिए 2 लाख रुपये और कांस्य के लिए 1 लाख रुपये की मांग की गई थी।
आयोजन स्थल और आगामी तारीखें
ताइक्वांडो की कुल 26 प्रतियोगिताएं 4 से 8 फरवरी तक हल्द्वानी के खेल परिसर के मिलम हॉल में आयोजित की जाएंगी।
सरकारी बयान
ताइक्वांडो एसोसिएशन के सचिव कमलेश तिवारी ने इस मामले पर कहा कि उन्हें इस तरह के किसी पत्र के बारे में जानकारी नहीं है और यह राष्ट्रीय फेडरेशन का मामला है, राज्य का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उन्हें इस पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद ही कोई टिप्पणी करने का अवसर मिलेगा।
यह पूरा घटनाक्रम राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर सवाल खड़े कर रहा है, और इस मामले में जीटीसीसी और पीएमसी समिति की सिफारिशों के बाद जांच की प्रक्रिया तेज की जाएगी।