बेलडा गांव की महिलाओं का स्वच्छता अभियान: 1800 घरों को जोड़ा और कूड़े से कमा रहीं लाखों
- ANH News
- 6 दिन पहले
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त्तराखंड के रुड़की शहर के पास स्थित बेलडा गांव में महिलाओं का एक समूह कूड़े से लाखों रुपए कमा रहा है, जो पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है। इस महिला स्वयं सहायता समूह ने घर-घर कूड़ा एकत्र करने की अनूठी योजना को लागू किया, जिससे गांव के 1800 परिवारों से प्रतिमाह 30-30 रुपये की रसीद काटी जा रही है। इसके साथ ही, उन्होंने एक स्कूल के साथ 50 हजार रुपये के सालाना अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिससे कूड़ा उठाने के लिए एक और नई शुरुआत हुई है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से मिली प्रेरणा
रुड़की ब्लॉक में राधे-राधे स्वयं सहायता समूह ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अपनी यात्रा शुरू की। ब्लॉक मिशन मैनेजर रोमा सैनी ने इस समूह को गांव में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करने के लिए प्रेरित किया। शुरू में महिलाओं को कूड़ा एकत्र करने के लिए लोगों से पैसे लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा था। गीता, कविता और शबाना जैसे समूह की सदस्य बताती हैं कि दो साल पहले जब उन्होंने लोगों से 30 रुपये शुल्क लेने की बात की थी तो कोई भी राजी नहीं हुआ। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कूड़ा एकत्र करना जारी रखा, जिससे धीरे-धीरे लोग पैसे देने के लिए तैयार हो गए। अब इस योजना के तहत 700 से बढ़कर 1800 परिवार प्रतिमाह 30 रुपये जमा कर रहे हैं।
सालाना छह लाख रुपये की आय और बेहतर प्रबंधन
महिलाओं द्वारा कूड़ा एकत्र करने का यह प्रयास अब सफल हो गया है और इस समूह को सालाना करीब साढ़े छह लाख रुपये की आय हो रही है। प्रत्येक माह करीब 54 हजार रुपये की आय हो रही है, जिसमें से 20 प्रतिशत खर्च होता है। महिलाएं ग्लव्स पहनकर कूड़ा एकत्र करती हैं, और एक ट्रैक्टर व चालक किराए पर लेकर कूड़े को ग्राम प्रधान द्वारा निर्धारित स्थल तक पहुंचाती हैं, जहां इसका निस्तारण कराया जाता है। समूह ने इस कार्य में अपनी आय का एक हिस्सा बैंक खाते में भी जमा किया है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
समूह की सफलता को देखकर अन्य संस्थाएं भी जुड़ रही हैं
महिला समूह की इस सफलता को देखकर अब अन्य संस्थाएं भी उनके साथ जुड़ने लगी हैं। मोंटफोर्ट स्कूल ने सालाना 50 हजार रुपये में कूड़ा उठाने का अनुबंध किया है और एक होटल से भी अनुबंध की बात चल रही है। यह महिला समूह के काम को और भी बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रदेशभर में इस मॉडल को लागू करने की योजना
ब्लॉक मिशन मैनेजर रोमा सैनी ने बताया कि सीडीओ हरिद्वार ने इस योजना की सराहना की है और उन्होंने अन्य क्षेत्रों में भी इस मॉडल को लागू करने का आश्वासन दिया है। इस योजना का वीडियो भी तैयार किया गया है, ताकि अन्य क्षेत्रों के लोग भी इस महिला समूह के प्रयासों को जान सकें और उन्हें सम्मानित किया जा सके।
नवीनता और साहस की मिसाल
यह महिला स्वयं सहायता समूह न केवल कूड़े का सही तरीके से निस्तारण कर रहा है, बल्कि आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर हो रहा है। उनकी यह पहल यह दर्शाती है कि अगर सही दिशा और साहस हो, तो छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। यह उदाहरण अन्य गांवों और क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा है कि वे भी ऐसी योजनाओं को अपनाकर न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा कर सकते हैं।