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गर्भवतियों के लिए सरकार का तोहफा, अब मुफ्त में होगी ये जांच व निशुल्क यात्रा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 30 जन॰
  • 2 मिनट पठन



Uttarakhand: राज्य सरकार गर्भवतियों को सरकारी अस्पतालों में प्रसव पूर्व जांच के लिए आने-जाने के लिए अब निशुल्क परिवहन सेवा प्रदान करेगी, जिससे वे आसानी से अपनी जांच करवा सकेंगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस सुविधा का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली साधन विहीन गर्भवतियों को भी इसका लाभ मिल सके।


बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ एनीमिया मेगा अभियान पर चर्चा की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि एनीमिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) द्वारा तैयार कार्य योजना को महिला कल्याण एवं बाल विकास, शिक्षा, और स्वास्थ्य विभाग की सहायता से लागू किया जाए। राज्य में 15 से 49 आयु वर्ग की 46.4% गर्भवतियां एनीमिया से ग्रस्त हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 50.4% है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं का पहले चरण में ही एनीमिया की जांच की जाए।


विद्यालयों में छात्राओं की हीमोग्लोबिन स्तर की जांच, अभिभावकों को जानकारी भी दी जाएगी


मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि विद्यालयों में छात्राओं के हीमोग्लोबिन स्तर की जांच हर महीने की जाएगी और इसकी रिपोर्ट उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी क्लास टीचरों की होगी, और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHOs) इस प्रक्रिया में मदद करेंगे। एनीमिया से ग्रस्त छात्राओं का उपचार और निगरानी CHOs के माध्यम से की जाएगी।


इसके अलावा, छात्राओं के हीमोग्लोबिन रिपोर्ट कार्ड की जानकारी अभिभावकों को भी दी जाएगी, ताकि वे अपने बच्चों की सेहत को लेकर जागरूक हो सकें। बैठक में मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को राज्य के "टीबी मुक्त उत्तराखंड" लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने के लिए गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए।


इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव स्वाति भदौरिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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