top of page

राष्ट्रीय खेलों में दिखी पारिवारिक जोड़ियों की शानदार खेल भावना

ANH News



38वें राष्ट्रीय खेलों के लॉन बॉल ग्राउंड पर इस बार एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जहां मां-बेटी, भाई-भाई और पति-पत्नी की जोड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। विभिन्न राज्यों से आई ये जोड़ियां न केवल राष्ट्रीय चैंपियन हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पदक जीत चुकी हैं। इन खिलाड़ियों ने साबित किया कि मैदान पर मजबूत तालमेल और पारिवारिक सहयोग से खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा सकता है।


मां-बेटी की जोड़ी ने दिखाया दम


पश्चिम बंगाल की 55 वर्षीय बीना शाह और उनकी 28 वर्षीय बेटी किंजल शाह ने राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन किया। बीना शाह ने महिला एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनकी बेटी किंजल ने महिला-4 श्रेणी में रजत पदक अपने नाम किया। बीना इससे पहले भी तीन राष्ट्रीय खेलों में पदक जीत चुकी हैं—केरल और गुजरात में रजत, जबकि गोवा में कांस्य। किंजल के लिए यह पहला राष्ट्रीय खेल था और उन्होंने पहले ही प्रयास में पदक जीतकर अपनी प्रतिभा साबित की।


बीना और किंजल ने लॉन बॉल के प्रति अपनी लगन को खेल में श्रेष्ठ प्रदर्शन का कारण बताया। उन्होंने कहा कि खेल सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक मजबूती भी देता है और जीवन के प्रति नजरिया बेहतर बनाता है।


दिल्ली के भाई-भाई की जोड़ी बनी गोल्ड मेडलिस्ट


दिल्ली टीम के अनंत आशुतोष शर्मा (27) और अपूर्व आशुतोष शर्मा (28) ने ट्रिपल श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। ये दोनों भाई न केवल लॉन बॉल के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता हैं, बल्कि एमबीए की पढ़ाई में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं।


अनंत ने बताया कि उन्होंने 2011 में लॉन बॉल खेलना शुरू किया था और तब से उन्होंने चीन में हुई एशियन चैंपियनशिप में कांस्य, गोवा के राष्ट्रीय खेलों में कांस्य और गुजरात में स्वर्ण पदक जीता। अपूर्व भी गुजरात राष्ट्रीय खेलों के स्वर्ण विजेता रह चुके हैं और गोवा में कांस्य पदक जीता था। मैदान पर भाई होने के नाते दोनों का तालमेल बेहतरीन रहता है, जिससे उनका प्रदर्शन और बेहतर होता है।


पति-पत्नी की जोड़ी ने भी जीते पदक


झारखंड टीम से खेल रहे प्रिंस और बसंती ने भी शानदार प्रदर्शन किया। प्रिंस ने मेंस ट्रिपल में रजत पदक, जबकि बसंती ने अपने पहले ही राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीता। प्रिंस पहले भी गोवा में स्वर्ण और गुजरात में कांस्य जीत चुके हैं।


प्रिंस ने बताया कि पति-पत्नी के रूप में खेल में एक-दूसरे का सहयोग करने से तकनीक को समझने और अभ्यास करने में मदद मिलती है, जिससे प्रदर्शन बेहतर होता है। बसंती ने भी बताया कि पहली बार राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेना उनके लिए एक यादगार अनुभव रहा, और उन्होंने अपनी मेहनत से स्वर्ण पदक जीता।


पारिवारिक जोड़ियों ने दिखाई खेल में मजबूत टीम भावना


लॉन बॉल के इस संस्करण में इन पारिवारिक जोड़ियों ने बेहतरीन तालमेल, अनुशासन और खेल भावना का परिचय दिया। ये खिलाड़ी न केवल खेल में बल्कि जीवन में भी प्रेरणा बने हुए हैं। इनकी सफलता से यह साफ है कि अच्छे रिश्ते सिर्फ घर में नहीं, बल्कि मैदान पर भी शानदार प्रदर्शन करने में मददगार साबित होते हैं।

 
 
bottom of page