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उत्तराखंड में नेशनल गेम्स 2025: खेल परिसरों में शुरू हुए वुशु, शूटिंग, कबड्डी और अन्य खेलों के मुकाबले

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 29 जन॰
  • 2 मिनट पठन



उत्तराखंड में नेशनल गेम्स का भव्य उद्घाटन हो चुका है और आज, बुधवार से राज्य भर के विभिन्न प्रतिष्ठित खेल परिसरों में खेलों का रोमांचक सिलसिला शुरू हो गया है। इस आयोजन के तहत विभिन्न खेलों के मुकाबले आयोजित किए जा रहे हैं, जो प्रदेश के खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए एक शानदार अवसर प्रदान कर रहे हैं।


आज से महाराणा प्रताप खेल परिसर के कंचनजंगा हॉल में वुशु के मुकाबले होंगे, जिसमें देशभर के खिलाड़ी अपनी ताकत और कौशल का प्रदर्शन करेंगे। त्रिशूल शूटिंग रेंज में राइफल और पिस्टल शूटिंग के मुकाबले शुरू होंगे, जहां शॉटगन और पिस्टल की सटीकता पर खिलाड़ियों की नज़रें होंगी। गंगा एथलेटिक्स मैदान में रग्बी सेवन्स के मुकाबले आयोजित होंगे, जो गति और ताकत का शानदार मिश्रण होंगे। वहीं, बैडमिंटन के मुकाबले मल्टीपर्पज हॉल और परेड ग्राउंड में होंगे, जहां खिलाड़ियों के तेज और सटीक रिटर्न्स देखने को मिलेंगे।


हरिद्वार के योगस्थली खेल परिसर स्थित रोशनाबाद स्टेडियम में कबड्डी के मुकाबले होंगे, जहां शारीरिक शक्ति और रणनीति का मुकाबला होगा। पुलिस लाइन रोशनाबाद के मल्टीपर्पज हॉल में कलारीपयट्टू (डेमो गेम) के मैच होंगे, जो इस प्राचीन मार्शल आर्ट को दर्शकों के सामने प्रदर्शित करेगा।


रुद्रपुर के शिवालिक हॉल में वॉलीबाल के मुकाबले खेले जाएंगे, जिसमें तेज गति और टीमवर्क का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा। हल्द्वानी के मानसखंड तरणताल, गोलापार में एक्वाटिक्स (जल क्रीड़ा) के मुकाबले होंगे, जहां तैराकी और जल क्रीड़ा के क्षेत्र में खिलाड़ियों की कुशलता परफॉर्म होगी।


इसके अलावा, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम गोलापार में फुटबॉल के मुकाबले होंगे, जहां खेल प्रेमियों को फुटबॉल के आकर्षक और तेजतर्रार मैचों का आनंद मिलेगा।


इन सभी आयोजनों का उद्देश्य न केवल प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देना है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करना है। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से, प्रदेश के युवाओं को खेलों में अपनी पहचान बनाने और देश भर में अपनी क्षमता का परिचय देने का अवसर मिलेगा। इस प्रकार, उत्तराखंड के इस नेशनल गेम्स आयोजन से न केवल खेलों की समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश की खेल संस्कृति को भी मजबूती मिलेगी।

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