
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस समय महाकुंभ मेला जोरों पर है। लाखों श्रद्धालु और साधु-संत रोजाना संगम में पवित्र स्नान कर रहे हैं। वहीं, मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होने जा रहा है, जो विशेष धार्मिक महत्व रखता है। पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन का स्नान पापों से मुक्ति और पितरों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।
मौनी अमावस्या की महिमा
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है।
मौनी अमावस्या 2025 का शुभ मुहूर्त
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पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की तिथि का आरंभ 28 जनवरी 2025 को रात 7:35 बजे से होगा और इसका समापन 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 बजे होगा। इस दिन, विशेष रूप से सूर्यास्त से पहले पवित्र स्नान और पिंडदान का महत्व अधिक होता है।
पिंडदान विधि
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पिंडदान के दौरान कुछ खास विधियों का पालन करना जरूरी होता है:
-गंगा स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य – सबसे पहले, गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें और इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
-पिंडदान का शुभ समय – पिंडदान सूर्योदय के समय करना अधिक शुभ माना जाता है। सूर्योदय के बाद अपने पूर्वजों की तस्वीर चौकी पर रखें और गाय के गोबर, आटा, तिल, जौ आदि से पिंड बनाएं।
-पिंड को अर्पित करें – बनाए गए पिंड को पितरों को अर्पित करें और फिर उसे पवित्र नदी में बहा दें।
-मंत्रों का जाप – पिंडदान करते समय पितरों का ध्यान रखें और उनके लिए विशेष मंत्रों का जाप करें, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
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-यदि आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो मौनी अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं:
-भोग अर्पित करें – पूजा के दौरान पितरों को भोग अर्पित करें।
-पितृ मंत्रों का जप करें – पितृ दोष निवारण के लिए पितृ मंत्रों का जाप करें।
-महादेव का अभिषेक – महादेव का विशेष रूप से अभिषेक करें, इससे पितृ दोष में कमी आती है।
-दान करें – इस दिन अन्न और अन्य वस्तुओं का दान करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
इन उपायों को अपनाकर न केवल पितृ दोष दूर किया जा सकता है, बल्कि सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है।
पितृ मंत्र
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पितृ दोष से मुक्ति और पितरों की शांति के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
1. ॐ पितृ देवतायै नमः।
2. ॐ आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलांजलिम।
3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
4. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
5. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।
इन सरल लेकिन प्रभावी उपायों और मंत्रों के साथ, आप मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं और अपने पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।