देहरादून की अनुष्का राणा ने उत्तराखंड बोर्ड में किया टॉप, 98.6% अंकों से रचा इतिहास
- ANH News
- 21 अप्रैल
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उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 के 12वीं कक्षा के परिणामों में देहरादून के जीआईसी बड़ासी की छात्रा अनुष्का राणा ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अनुष्का ने 98.6 प्रतिशत अंक हासिल कर न सिर्फ अपने विद्यालय और परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि सरकारी विद्यालयों से पढ़कर भी सर्वोच्च सफलता हासिल की जा सकती है।
पिता स्कूल में शिक्षक, बेटी बनी टॉपर
अनुष्का राणा के पिता रामेंद्र राणा बड़ासी इंटर कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता हैं, जबकि उनकी मां कुमुद राणा गृहिणी हैं। यह अनोखी बात है कि अनुष्का ने जिस स्कूल से टॉप किया, उसी में उनके पिता पढ़ाते हैं। परिवार में हमेशा से पढ़ाई का सकारात्मक माहौल रहा है, जिसका प्रभाव अनुष्का की मेहनत में भी साफ दिखाई देता है।
बोर्ड के साथ जेईई मेंस में भी हासिल की बड़ी सफलता
अनुष्का ने बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ जेईई मेंस में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिसमें उन्हें 98.8 परसेंटाइल प्राप्त हुए हैं। विज्ञान वर्ग की छात्रा अनुष्का भविष्य में डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं। उनकी यह सफलता दोहरी मेहनत और संतुलित रणनीति का परिणाम है।
शिक्षा मंत्री के फोन से मिला टॉप करने का पता
रिजल्ट वाले दिन अनुष्का सुबह से ही अपना परिणाम देखने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन इंटरनेट और सर्वर समस्या के कारण वह रिजल्ट नहीं देख सकीं। तभी उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिक्षा निदेशालय से फोन कर उन्हें यह शुभ समाचार दिया कि उन्होंने पूरे प्रदेश में टॉप किया है। यह सुनते ही घर में खुशी का माहौल छा गया और अनुष्का की आंखें भी भर आईं।
सरकारी स्कूल की गुणवत्ता पर भरोसा
अनुष्का ने 10वीं तक की पढ़ाई देहरादून के एक निजी स्कूल से की थी, लेकिन 11वीं और 12वीं के लिए उन्होंने अपने पिता के स्कूल जीआईसी बड़ासी को चुना। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल और शिक्षकों की गुणवत्ता किसी भी निजी स्कूल से कम नहीं है। जरूरत है तो केवल छात्र की लगन और आत्मविश्वास की।
मां का संदेश – सरकारी स्कूलों पर विश्वास करें
अनुष्का की मां कुमुद राणा ने कहा, “हमारे समाज में यह गलत धारणा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी नहीं होती। मेरी बेटी ने यह सोच बदलने का काम किया है। उसने खुद यह निर्णय लिया कि वह निजी स्कूल से हटकर सरकारी स्कूल में दाखिला लेगी, भले ही उसे हर दिन घर से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़े।”
शिक्षा में परिवार का योगदान
अनुष्का के बड़े भाई आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। अनुष्का ने भी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और स्कूल के सकारात्मक वातावरण को दिया है।
प्रेरणा बनी अनुष्का की सफलता
अनुष्का राणा ने न सिर्फ परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए, बल्कि अपने निर्णयों और मेहनत से सैकड़ों युवाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सपने सच करने के लिए संसाधनों से ज़्यादा जरूरी है समर्पण, मार्गदर्शन और आत्मविश्वास।