
शिवजी इतने भोले हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से उन्हें पुकारता है, उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं। भगवान शिव देवताओं में सबसे दयालु माने जाते हैं। हालांकि, यदि नियमों की अनदेखी की जाए, तो भगवान शिव का क्रोध बहुत घातक हो सकता है। इसलिए शिव पूजा में नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। शिवलिंग की स्थापना और पूजा को लेकर भक्तों के कई सवाल होते हैं। एक सामान्य सवाल यह है, क्या हम घर में शिवलिंग रख सकते हैं? यदि हां, तो शिवलिंग स्थापित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? क्या हैं शिवलिंग स्थापना के नियम? इन सवालों का उत्तर उन्नाव के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री ने एक खास रिपोर्ट के बातचीत के दौरान दिया।
शिवलिंग स्थापना के जरूरी नियम:
---------------------------------------------
– शिवलिंग का स्थान: घर में कोई भी व्यक्ति शिवलिंग रख सकता है, लेकिन इसके साथ जुड़े नियमों की जानकारी होना आवश्यक है। घर में नर्मदा नदी से निकले पत्थर से बना शिवलिंग रखना सबसे शुभ माना जाता है। जब शिवलिंग स्थापित करें, तो इसे उत्तर या पूर्व दिशा में ही रखें। इसके अलावा, प्रतिदिन प्रातः और सायंकाल विधिपूर्वक पूजा करना जरूरी है। पूजा के दौरान शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने से बचना चाहिए।
– स्थान का चयन: घर में शिवलिंग स्थापित करते समय स्थान का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। ध्यान रखें कि शिवलिंग को घर के किसी कोने में न रखें। ऐसे स्थान पर शिवलिंग रखना जहां ठीक से पूजा न हो सके, भगवान शिव के क्रोध को आमंत्रित कर सकता है और जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। शिवलिंग को हमेशा एक साफ और प्रमुख स्थान पर स्थापित करें।
– प्राण प्रतिष्ठा से बचें: घर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करने की आवश्यकता नहीं है। बस इसे स्थापित करके विधिपूर्वक पूजा करें और रोज़ अभिषेक करें। शिवलिंग को कभी भी अपनी जगह से न बदलें। यदि विशेष कारण से स्थान बदलना जरूरी हो, तो पहले शिवलिंग को गंगाजल और ठंडे दूध से स्नान कराकर स्थान बदलें।
– दूध चढ़ाने के नियम: कई लोग सीधे पैकेट वाला दूध शिवलिंग पर चढ़ा देते हैं, लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। दूध चढ़ाने के समय यह सुनिश्चित करें कि दूध ठंडा हो, चाहे मौसम कोई भी हो। इसके अलावा, केवल गाय के दूध से ही शिवलिंग का अभिषेक करें, क्योंकि यह सर्वोत्तम होता है।
– शिवलिंग के साथ अन्य देवताओं की मूर्तियां: घर में शिवलिंग स्थापित करते समय, उसे अकेला न छोड़ें। इसके साथ ही माता पार्वती और गणेश जी की मूर्तियां भी रखें। साथ ही, ध्यान रखें कि शिवलिंग पर तुलसी की पत्तियां न चढ़ाएं। शिवलिंग पर हमेशा बेलपत्र चढ़ाना चाहिए, क्योंकि बेलपत्र शिवजी के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
– प्रसाद का सेवन: पूजा के समय शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को स्वयं खाना वर्जित माना जाता है। हालांकि, आप इसे दूसरों को बांट सकते हैं, लेकिन अपने लिए इसे न खाएं। माना जाता है कि प्रसाद खाने से जीवन में कष्ट बढ़ सकते हैं और भाग्य में कमी आ सकती है।
इन सरल लेकिन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करके भक्त भगवान शिव की पूजा सच्चे दिल से कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में शांति और समृद्धि ला सकते हैं।