IPL 2025 के बीच BCCI ने मुंबई के इस टीम के मालिक पर लगाया आजीवन बैन, मैच फिक्सिंग के आरोप
- ANH News
- 20 अप्रैल
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क्रिकेट की दुनिया इस समय आईपीएल के जोश और उमंग में डूबी हुई है, और इस दौरान बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) भी लीग की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है। इस बीच, बीसीसीआई ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बीसीसीआई के लोकपाल ने एक क्रिकेट टीम के मालिक पर आजीवन बैन लगा दिया है।
हालांकि यह बैन आईपीएल फ्रेंचाइजी से संबंधित नहीं है, बल्कि यह फैसला मुंबई टी20 लीग के एक टीम मालिक, गुरमीत सिंह भामराह के खिलाफ लिया गया है। बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई ने गुरमीत पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगाए थे। इस फैसले की जानकारी एएनआई समाचार एजेंसी ने दी है।
2019 का मैच फिक्सिंग मामला
यह मामला 2019 के मुंबई टी20 लीग के एक सेमीफाइनल मैच से जुड़ा है। बीसीसीआई के लोकपाल जस्टिस अरुण मिश्रा ने बताया कि गुरमीत ने मैच फिक्स करने के लिए एक खिलाड़ी से संपर्क किया था। यह खिलाड़ी मैच फिक्सिंग की कोशिश के बारे में तुरंत संबंधित एजेंसियों को सूचित किया। इस शिकायत के बाद बीसीसीआई की एंटी करप्शन ईकाई ने गुरमीत के खिलाफ जांच शुरू की और उन्हें दोषी पाया। इसके परिणामस्वरूप, जस्टिस अरुण मिश्रा ने गुरमीत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है।
बीसीसीआई की सख्त कार्रवाई
लोकपाल जस्टिस अरुण मिश्रा ने अपने फैसले में कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों को सख्ती से रोका जाना चाहिए, और यही कारण था कि गुरमीत को कड़ी सजा दी गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैच फिक्सिंग जैसी गतिविधियां क्रिकेट के नैतिकता और पारदर्शिता के खिलाफ हैं और इनका किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं किया जा सकता।
इसके साथ ही जस्टिस मिश्रा ने यह भी कहा कि बीसीसीआई 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले के बाद से ऐसी घटनाओं को लेकर बेहद सतर्क और सख्त हो गया है। बीसीसीआई ने इस मुद्दे को लेकर अपनी शून्य सहनशीलता नीति स्पष्ट कर दी है और किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दूसरी क्रिकेट लीग में भी निवेश
गुरमीत सिंह भामराह के बारे में एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह सामने आया है कि वह सिर्फ मुंबई टी20 लीग के मालिक नहीं हैं, बल्कि वह अन्य देशों की क्रिकेट लीगों में भी वित्तीय सहयोग कर रहे हैं, जिनमें कनाडा की क्रिकेट लीग भी शामिल है।
इस निर्णय से यह साफ हो गया है कि बीसीसीआई अपने लीगों में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अनियमितताओं को लेकर अत्यधिक सख्त है और ऐसे मामलों में कोई भी नरमी नहीं बरती जाएगी। यह कदम क्रिकेट की साख को बचाने और उसके प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए अहम साबित हो सकता है।