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38वें राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स बनाने के लिए ऐतिहासिक पहल, हर पदक विजेता के नाम पर लगेगा पौधा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 24 जन॰
  • 2 मिनट पठन



38वें राष्ट्रीय खेलों को पर्यावरण मित्र और स्थिरता का प्रतीक बनाने के उद्देश्य से कई नई और नवाचारी पहल की गई हैं। इस बार खेलों को "ग्रीन गेम्स" के रूप में ऐतिहासिक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल के तहत, खेलों में कुल लगभग 4,350 पदक दिए जाने की योजना है, और जितने भी पदक विजेता होंगे, उतने ही पौधे उनके नाम से लगाए जाएंगे।


पदक विजेताओं के नाम पर विकसित किया जाएगा वन पार्क

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इन खेलों की यादों को संजोने और पदक विजेताओं को सम्मानित करने के लिए उत्तराखंड में एक विशेष वन पार्क विकसित किया जाएगा। इस पार्क में प्रत्येक पदक विजेता के नाम पर एक पौधा लगाया जाएगा, ताकि उनकी उपलब्धियों को पर्यावरण के साथ जोड़ा जा सके। इस परियोजना के तहत लगभग 10,000 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जो न केवल खेलों के आयोजनों को यादगार बनाएंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।


पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता

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खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इस साल के राष्ट्रीय खेलों में कई पर्यावरण अनुकूल उपाय किए गए हैं। खेलों के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, खेल स्थल की सजावट के लिए ई-वेस्ट और खेल उपकरणों के वेस्ट का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कचरे का निपटान भी सस्टेनेबल तरीके से किया जा सके।


खेल स्थलों पर ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए सौर ऊर्जा से संचालित संरचनाओं का उपयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को घटाना है। साथ ही, खिलाड़ियों को दिए जाने वाले मेडल और प्रमाणपत्र भी पर्यावरण अनुकूल और बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनाए गए हैं।


इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर ऊर्जा के माध्यम से स्थिरता

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खिलाड़ियों और अधिकारियों के परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। इसके अलावा, राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में दो मेगावॉट क्षमता वाले सोलर रूफ टॉप्स स्थापित किए गए हैं, जो खेल स्थल को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेंगे।


उत्तराखंड का संदेश: 'संकल्प से शिखर तक'

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यह आयोजन सिर्फ खेल प्रतिभा का उत्सव नहीं होगा, बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी और स्थिरता का प्रतीक भी बनेगा। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा, "उत्तराखंड ‘संकल्प से शिखर तक’ के अपने संदेश के साथ दुनिया को यह दिखाने के लिए तैयार है कि खेलों के माध्यम से हम सस्टेनेबल भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।"


इस तरह, 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न केवल खेलों के उत्सव के रूप में याद रखा जाएगा, बल्कि पर्यावरण की दिशा में किए गए ऐतिहासिक प्रयासों के लिए भी।

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