आस्था पथ पर 20 फीट ऊंचा हिमखंड, सेना करेगी रास्ता साफ, 25 मई को खुलेंगे कपाट
- ANH News
- 18 अप्रैल
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हेमकुंड साहिब: श्रद्धा, सेवा और समर्पण की प्रतीक हेमकुंड साहिब यात्रा की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। आगामी 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने हैं, और उससे पहले यात्रा मार्ग को सुगम बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की टीम हाल ही में सेना के जवानों के साथ घांघरिया से अटलाकोटी तक के आस्था पथ का निरीक्षण कर लौटी है।
यात्रा मार्ग के एक संवेदनशील और कठिन हिस्से — अटलाकोटी में करीब 20 फीट ऊंचा हिमखंड अब भी आस्था पथ पर पसरा हुआ है। इस बर्फ को हटाने का कार्य जल्द ही सेना के जवानों द्वारा शुरू किया जाएगा।
गुरुद्वारा गोविंदघाट के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने जानकारी दी कि तीन सेना के जवानों के साथ गुरुद्वारे के सेवादारों की एक टीम ने हेमकुंड साहिब तक के रास्ते का भौतिक निरीक्षण किया। टीम बुधवार को गोविंदघाट लौट आई है और अब यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं जुटाने का कार्य चरणबद्ध ढंग से शुरू हो जाएगा।
6 किलोमीटर आस्था पथ अब भी बर्फ से ढका
घांघरिया से आगे करीब छह किलोमीटर लंबे आस्था पथ पर अब भी बर्फ जमी हुई है। यह मार्ग हर वर्ष सर्दियों में बर्फ से पूरी तरह ढक जाता है और वसंत में जब कपाट खुलने का समय आता है, तब सेना और गुरुद्वारा कमेटी के संयुक्त प्रयासों से इसे तीर्थयात्रा के लिए खोला जाता है।

चारधाम यात्रा की भी तैयारियां जोरों पर
हेमकुंड साहिब के साथ ही चारधाम यात्रा की भी भव्य शुरुआत होने जा रही है। इस वर्ष 30 अप्रैल से शुरू हो रही यात्रा के पहले 15 दिनों में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है।
भीड़ नियंत्रण और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष रणनीति बनाई है:
जिस दिन का ऑनलाइन पंजीकरण होगा, उसी दिन दर्शन की अनुमति मिलेगी।
भीड़ अधिक होने की स्थिति में स्थान विशेष पर ऑफलाइन पंजीकरण की भी व्यवस्था की गई है, जैसे: ऋषिकेश, हरिद्वार, विकासनगर, हर्बर्टपुर और नया गांव।
यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने के लिए सरकार ने वीआईपी यात्रा को सीमित रखने का भी फैसला लिया है।
वीआईपी यात्रा पर लगाम, मुख्य सचिव ने राज्यों को भेजा पत्र
भीड़ और यातायात को नियंत्रित करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर 2 से 31 मई तक वीआईपी अतिथियों से चारधाम यात्रा में भाग न लेने का आग्रह किया है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
पंजीकरण के दिन ही मिलेगा दर्शन का अवसर
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के लिए जिस तिथि को पंजीकरण कराया गया है, दर्शन भी उसी दिन संभव होगा। इसके साथ ही सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, भीड़ के अनुसार ही सीमित संख्या में दर्शन की अनुमति दी जाएगी।

एक ओर जहां बर्फ से ढके कठिन रास्तों को खोलने के लिए सेना और सेवादारों की टीम जुट गई है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सहज बनाने के उद्देश्य से कई कड़े और जरूरी निर्णय लिए हैं। हेमकुंड साहिब और चारधाम की यात्रा इस बार प्रशासन और श्रद्धालुओं — दोनों के लिए एक सहयोग और अनुशासन का बड़ा उदाहरण बन सकती है।