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Uttarakhand: हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारी समितियों के चुनाव स्थगित, सरकार को पुरानी नियमावली से कराने होंगे चुनाव

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 फ़र॰
  • 2 मिनट पठन



नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने राज्य में सहकारी समितियों के चुनाव प्रक्रिया को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। प्राधिकरण की सदस्य सचिव रमिंद्री मंद्रवाल द्वारा इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को ही राज्य के कई जिलों में सहकारी समितियों के चुनाव हुए थे।


हाईकोर्ट ने दी पुरानी नियमावली से चुनाव कराने के निर्देश


नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सहकारी समितियों के चुनाव पुरानी नियमावली के तहत ही कराए जाएं। यह फैसला वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद दिया।


राज्य सरकार के संशोधन पर आपत्ति


मामले के अनुसार, राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली में संशोधन किया था, जिसे भुवन पोखरिया और अन्य याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी थी। उनका तर्क था कि चुनाव प्रक्रिया पहले ही दिसंबर से शुरू हो चुकी थी, और इस दौरान किए गए संशोधन नियम विरुद्ध हैं।


राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधन के तहत सेवानिवृत्त व्यक्तियों और कुछ गैर-सदस्यों को मतदान का अधिकार दिया गया था। जबकि नियमों के अनुसार, केवल वे लोग चुनाव में भाग ले सकते हैं जो कम से कम तीन साल से सहकारी समिति के सदस्य हैं।


खंडपीठ ने विशेष अपील को किया खारिज


हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पहले ही सरकार के संशोधनों को अमान्य करार देते हुए चुनाव को पुरानी नियमावली के अनुसार कराने के निर्देश दिए थे। इस फैसले को सहकारी समिति ने विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी, लेकिन खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा और चुनाव में संशोधित नियमों को लागू करने की मांग को खारिज कर दिया।

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