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संहिता उल्लंघन के मामलों में निर्वाचन आयोग की सख्ती, 7 विभागों को नोटिस, 1771 डाक मतपत्र लौटे

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 21 जन॰
  • 1 मिनट पठन



राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि प्रदेशभर से विभिन्न विभागों ने आचार संहिता के मद्देनजर अनुमतियां मांगी थीं, जिनमें से केवल जरूरी अनुमतियां दी गईं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कई प्रस्तावों को आचार संहिता उल्लंघन के तहत रद्द कर दिया गया है।


सुशील कुमार ने यह भी जानकारी दी कि सात विभागों और संस्थाओं को आचार संहिता के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया है। इनमें से तीन संस्थाओं ने अपना जवाब भेजा है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। सभी जवाब प्राप्त होने के बाद आयोग नियमानुसार उचित निर्णय लेगा।


इसके साथ ही, आयुक्त ने यह बताया कि कुछ नगर निकायों से ध्वनि प्रदूषण की शिकायतें भी आ रही थीं। इन शिकायतों के मद्देनजर जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं और सरकारी संपत्तियों पर प्रचार सामग्री लगाने वालों के खिलाफ संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई करें। जहां भी आवश्यकता होगी, आयोग संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करेगा।


डाक मतपत्रों से मतदान

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प्रदेश में डाक मतपत्रों से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मेयर, नगर पालिका और पंचायत अध्यक्ष के लिए 4196 डाक मतपत्र जारी किए गए हैं, जबकि पार्षद और वार्ड सदस्यों के लिए 4142 डाक मतपत्र भेजे गए थे। यह डाक मतपत्र चुनाव में लगे कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए हैं।


निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि सोमवार तक प्रदेशभर से कुल 1771 डाक मतपत्र वापस लौट चुके हैं। डाक मतपत्रों की प्राप्ति और वापसी की प्रक्रिया अभी भी जारी है, और आगामी दिनों में मतदान की पूरी प्रक्रिया संपन्न होगी।

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