Uttarakhand की झांकी में दिखेगी सांस्कृतिक धरोहर, गणतंत्र दिवस परेड में होगा साहसिक खेलों का रंगारंग प्रदर्शन
- ANH News
- 23 जन॰
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गणतंत्र दिवस परेड में कर्त्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी सांस्कृतिक धरोहर और साहसिक खेलों की समृद्ध परंपरा का आदान-प्रदान करती हुई प्रस्तुत होगी। यह झांकी न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है, बल्कि राज्य के साहसिक पर्यटन को भी एक नए रूप में प्रस्तुत करती है।
नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर के दौरान, राज्य के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपनी झांकी की प्रस्तुति दी, जो उत्तराखंड की विशिष्टता को उजागर करने में सफल रही। इस कार्य में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक और नोडल अधिकारी केएस चौहान के नेतृत्व में राज्य के कलाकारों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
उत्तराखंड की झांकी की प्रमुख थीम 'सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेल' रखी गई है, जो राज्य की समृद्ध पारंपरिक कला और रोमांचक साहसिक खेल गतिविधियों का संगम है। गणतंत्र दिवस परेड में, कर्त्तव्य पथ पर यह झांकी चौथे नंबर पर मार्च पास्ट करती हुई प्रदर्शित होगी।
झांकी का पहला हिस्सा उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को प्रदर्शित करता है, जिसमें एक महिला पारंपरिक वेशभूषा में ऐपण कला बनाते हुए दिखाई दे रही है। यह कला उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक मानी जाती है, जिसे स्थानीय महिलाएं घरों के प्रवेशद्वारों, पूजा कक्षों और दीवारों पर चावल के आटे और गेरू के रंग से बनाती हैं। ऐपण कला अब दुनिया भर में प्रसिद्ध है और इसे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पहचाना जाता है।
झांकी के अगले हिस्से में उत्तराखंड के साहसिक खेलों और पर्यटन स्थलों का चित्रण किया गया है। इसमें नैनीताल और मसूरी में हिल साइकिलिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रेकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में योग, बंजी जंपिंग, जिपलाइनिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी रोमांचक गतिविधियां दर्शाई गई हैं। यह झांकी न केवल उत्तराखंड के साहसिक खेलों को दुनिया भर में प्रदर्शित करती है, बल्कि राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक पर्यटन को भी प्रोत्साहित करती है।
यह झांकी उत्तराखंड की गहरी सांस्कृतिक जड़ों और साहसिक जीवनशैली को एक साथ जोड़ते हुए गणतंत्र दिवस परेड में एक अद्वितीय योगदान करेगी।