
चारधाम यात्रा में आने वाले 50 वर्ष से अधिक आयु के श्रद्धालुओं के लिए अब स्वास्थ्य संबंधित जानकारी प्रदान करना अनिवार्य कर दिया गया है। इन श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य धाम पोर्टल पर अपनी हेल्थ प्रोफाइल अपलोड करनी होगी। यदि कोई श्रद्धालु किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित है, तो उन्हें अपनी बीमारी की जानकारी भी देनी होगी। इसका उद्देश्य यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच को बेहतर बनाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि पर्यटन विभाग की यात्रा पंजीकरण वेबसाइट पर स्वास्थ्य धाम पोर्टल का लिंक उपलब्ध रहेगा, जहां 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के श्रद्धालुओं को अपनी स्वास्थ्य जानकारी अपलोड करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि उच्च जोखिम वाले श्रद्धालुओं की यात्रा मार्गों पर स्क्रीनिंग और निगरानी ठीक से हो। जियो ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए इन श्रद्धालुओं की यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
डॉ. कुमार ने आगे कहा कि इस व्यवस्था से यात्रा के दौरान पहले से बीमार श्रद्धालुओं का इलाज सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे उनकी सुरक्षा बढ़ेगी। खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पैदल यात्रा करने से पहले 50 वर्ष से ऊपर के सभी श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग प्वाइंट पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसके बाद ही उन्हें यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
उत्तराखंड सरकार का यह कदम श्रद्धालुओं की जान की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित करता है कि यात्रा के दौरान किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की गंभीर समस्या का सामना न करना पड़े। साथ ही, यात्रा मार्गों और धामों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।