चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में बदलाव, 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था
- ANH News
- 11 मार्च
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उत्तराखंड चारधाम यात्रा: इस साल चारधाम यात्रा में पंजीकरण प्रक्रिया को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस बार 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन होंगे, जबकि 40 प्रतिशत पंजीकरण ऑफलाइन किए जाएंगे। इस व्यवस्था का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को बिना पंजीकरण के यात्रा करने में होने वाली समस्याओं से बचाना है।
पिछले साल कई श्रद्धालुओं को बिना पंजीकरण के यात्रा करने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, खासकर हरिद्वार और ऋषिकेश में पंजीकरण के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी। इस बार, तीर्थ-पुरोहितों की मांग पर सरकार ने ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है, ताकि तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा न हो।
पंजीकरण केंद्रों की संख्या में वृद्धि
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यात्रा मार्गों पर पंजीकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। हरिद्वार, ऋषिकेश के साथ-साथ अन्य यात्रा मार्गों पर भी पंजीकरण केंद्र खोले जाएंगे। खास बात यह है कि यात्रा के पहले 15 दिनों तक पंजीकरण केंद्र 24 घंटे खुले रहेंगे, ताकि श्रद्धालु किसी भी समय अपना पंजीकरण करवा सकें।
ऑफलाइन पंजीकरण केंद्रों की सूची:
ऑफलाइन पंजीकरण के लिए निम्नलिखित स्थानों पर केंद्र खोले जाएंगे:
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-हरिद्वार: 12 पंजीकरण केंद्र
-ऋषिकेश: 20 पंजीकरण केंद्र
-विकासनगर: 15 पंजीकरण केंद्र
-बड़कोट: 2 पंजीकरण केंद्र
-उत्तरकाशी: 2 पंजीकरण केंद्र
-हिना: 2 पंजीकरण केंद्र
-गुप्तकाशी: 2 पंजीकरण केंद्र
-श्रीनगर: 2 पंजीकरण केंद्र
-पांडुकेश्वर: 2 पंजीकरण केंद्र
-सोनप्रयाग: 1 पंजीकरण केंद्र
-पंजीकरण अनिवार्य
इस बार, चारधाम यात्रा में पंजीकरण अनिवार्य रहेगा। श्रद्धालुओं को बिना पंजीकरण के यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रा के दौरान पंजीकरण केंद्रों पर किसी भी प्रकार की मारामारी से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है, और तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाई जाएगी।
इस नई व्यवस्था के जरिए यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि तीर्थयात्रा का अनुभव हर श्रद्धालु के लिए सुखद और आरामदायक हो।