CharDham Yatra2025: डिजिटल बोर्ड के माध्यम से जाम की दी जाएगी जानकारी, सेवा प्रदाताओं को मिलेगा RFID टैग
- ANH News
- 14 अप्रैल
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उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित चारधाम यात्रा को अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से सुसज्जित बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बार यात्रा मार्ग पर दुकानदारों, घोड़ा-खच्चर व कंडी संचालकों सहित सभी सेवा प्रदाताओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर यातायात जाम की जानकारी डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से दी जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना न करना पड़े।
यह निर्णय शनिवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई यात्रा समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों और चारधाम से संबंधित जिलों के डीएम ने भाग लिया।
यात्रा मार्गों पर स्वच्छता और सुविधा का विशेष ध्यान
मुख्य सचिव ने स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी जिलाधिकारियों को यात्रा मार्गों पर सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और 15वें वित्त आयोग के टाइड फंड से भी इस कार्य हेतु बजट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी धामों में कार्यरत सेवा प्रदाताओं का डेटा संग्रह और पहचान सुनिश्चित करने के लिए RFID टैग अनिवार्य किए जाएंगे।

जाम की जानकारी अब डिजिटल स्क्रीन पर
मुख्य सचिव ने विशेष रूप से यात्रा मार्गों पर लगने वाले जाम, दुर्घटनाओं और भूस्खलन जैसी आपात स्थितियों की पूर्व जानकारी यात्रियों को देने के लिए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाने के निर्देश दिए। यह बोर्ड बताएंगे कि किस स्थान पर किस कारण से जाम लगा है, जिससे श्रद्धालु वैकल्पिक मार्ग या समय का चयन कर सकें।
जब तक यह डिजिटल प्रणाली पूरी तरह से कार्यशील नहीं होती, तब तक यात्रियों को बल्क एसएमएस और वॉट्सएप मैसेज के माध्यम से सूचनाएं भेजी जाएंगी। साथ ही, संभावित भू-स्खलन स्थलों की मरम्मत और सुरक्षात्मक उपाय भी शीघ्र पूरे करने के निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने चारों धामों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को ज़िम्मेदारियाँ सौंपीं:
-देहरादून से केदारनाथ मार्ग: सचिव युगल किशोर पंत
-बदरीनाथ मार्ग: सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार
-गंगोत्री मार्ग: सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम
-यमुनोत्री मार्ग: सचिव डॉ. नीरज खैरवाल
सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इन सचिवों से प्राप्त सुझावों के अनुसार सुधारात्मक कार्य समयबद्ध रूप से पूरे किए जाएं। UPCL को चारों धामों में लो-वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने को कहा गया।
यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:
-केदारनाथ में बन रहा अस्पताल यात्रा शुरू होने से पहले पूरी तरह से कार्यरत कर दिया जाएगा।
-पंजीकरण केंद्रों – हरिद्वार, ऋषिकेश और विकासनगर में स्वास्थ्य जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
-यात्रा मार्गों पर मल्टी लेवल पार्किंग, उनके निकट भोजन, विश्राम और स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
हरित यात्रा: पौधारोपण और स्मृति वन का भी सुझाव
यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल और भावनात्मक रूप से जोड़ने हेतु श्रद्धालुओं को पौधारोपण से जोड़ने का निर्णय भी लिया गया है। "स्मृति वन" के लिए स्थान चिन्हित किए जाएंगे, जहाँ यात्री अपने नाम या परिजनों की स्मृति में पौधे लगा सकेंगे।
बैठक में कौन-कौन थे शामिल?
बैठक में सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज पांडेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित चारधाम क्षेत्रों के जिलाधिकारियों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
तकनीक, स्वास्थ्य और सेवा – श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि
चारधाम यात्रा को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में यह तैयारियाँ एक सकारात्मक संकेत हैं। RFID तकनीक से सेवा प्रदाताओं की निगरानी, डिजिटल सूचनाओं से मार्गदर्शन और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से यह यात्रा अधिक व्यवस्थित और श्रद्धालु-हितैषी होगी।