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चारधाम यात्रा: पहले महीने VIP व्यवस्था पर पाबंदी, जानें कब और कैसे होगा ऑनलाइन पंजीकरण?

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 फ़र॰
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उत्तराखंड में इस वर्ष की चारधाम यात्रा के लिए अगले सप्ताह से ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रशासन ने सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं और 15 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी जाएंगी। इस वर्ष 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन होंगे, जबकि 40 प्रतिशत ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था रहेगी।




बदरीनाथ के कपाट 4 मई को, अन्य धामों की तिथियां महाशिवरात्रि व अक्षय तृतीया पर तय होंगी

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बदरीनाथ के कपाट 4 मई को खुलेंगे। वहीं, अन्य तीन धामों के कपाटों की तिथियां महाशिवरात्रि और अक्षय तृतीया पर्व के आसपास घोषित की जाएंगी। प्रशासन 30 अप्रैल से 4 मई के बीच इन चारों धामों के कपाट खुलने की संभावित तिथियों के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए प्रशासन ने वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ को लॉन्च किया है, जहां तीर्थयात्री आसानी से पंजीकरण करवा सकते हैं।


चारधाम यात्रा को सफल बनाने के लिए अधिकारियों की बैठक

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बुधवार को चारधाम यात्रा प्रबंधन और नियंत्रण संगठन द्वारा ट्रांजिट कैंप में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में संबंधित जनपदों के डीएम, एसपी, तीर्थ पुरोहितों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान यात्रा को सफल बनाने के लिए सुझाव भी लिए गए। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि पिछले वर्ष ऑनलाइन पंजीकरण में देर से शुरू होने के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हुई थीं। इस वर्ष इसे ध्यान में रखते हुए अगले सप्ताह से पंजीकरण शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया है।


वीआईपी व्यवस्था से जुड़ा अहम फैसला

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चारधाम यात्रा के पहले माह में कोई भी वीआईपी व्यवस्था नहीं होगी। किसी भी तीर्थयात्री को वीआईपी स्कार्ट या विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव की ओर से अन्य प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक अनुरोध पत्र भेजा जाएगा।


पंजीकरण काउंटर और सड़क निर्माण की तैयारियां

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ऋषिकेश, हरिद्वार और विकासनगर में पंजीकरण के लिए काउंटर बनाए जाएंगे। इसके अलावा, चेकिंग काउंटरों की व्यवस्था भी बड़कोट, हिना, पांडुकेश्वर और सोनप्रयाग में की जाएगी। लोनिवि सचिव ने बताया कि 15 अप्रैल तक सभी यात्रा मार्गों की सड़कों को चकाचक कर दिया जाएगा, जिससे यात्रियों को कोई समस्या न हो।


भीड़ प्रबंधन के लिए बड़े ठहराव स्थल

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चारधाम यात्रा के दौरान यातायात और भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होगी। गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश में बड़े ठहराव स्थल बनाए जाएंगे, जहां यात्रियों को रुकने और भोजन की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, विकासनगर, बड़कोट, उत्तरकाशी, श्रीनगर और कीर्तिनगर में भी ठहराव स्थल बनाए जाएंगे, ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।


नई यातायात व्यवस्था: यात्रा रूट को 10 किमी के सेक्टर में विभाजित

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यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए पुलिस ने एक अभिनव प्रयोग किया है। इस बार यात्रा रूट को 10 किमी के सेक्टर में विभाजित किया गया है। हर सेक्टर में चीता पुलिस की गश्त जारी रहेगी और किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर उसे तुरंत हल किया जाएगा।


चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। यात्रा के दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या से बचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिनमें ऑनलाइन पंजीकरण, वीआईपी व्यवस्था का न होना, सड़क निर्माण और ठहराव स्थलों का निर्माण शामिल है।

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