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चमोली में प्रकृति का कहर, हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त, मोटर पुल अलकनंदा नदी में समा गया

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 मार्च
  • 2 मिनट पठन



चमोली जिले में बुधवार सुबह गोविंदघाट के पास अचानक पहाड़ी दरकने से हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया। चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि इस भूस्खलन के कारण पीडब्लूडी का पुल ढह गया, जिससे मार्ग अवरुद्ध हो गया।


यात्रा की शुरुआत अभी नहीं हुई है, जो मई में शुरू होगी, लेकिन प्रभावित क्षेत्र में पुलना गांव स्थित है, जिसकी जनसंख्या लगभग 200-250 है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है, जिसमें इंजीनियर और डॉक्टर भी शामिल हैं। उनकी प्राथमिकता इस समय यह है कि गांववासियों के लिए एक अस्थायी पैदल रास्ता बनाया जाए, ताकि उन्हें आवश्यक सेवाएं जैसे भोजन, स्वास्थ्य सुविधाएं और सैटेलाइट फोन प्रदान किए जा सकें।


साथ ही, यह भी बताया गया कि यात्रा से पहले इस क्षेत्र में एक स्थायी पुल बनाने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और शाम तक समाधान देने की उम्मीद जताई गई है।


चमोली जिले में हिमस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है। मौसम विभाग ने 8 मार्च से मौसम में बदलाव के संकेत दिए हैं। मंगलवार को भी जिले में मौसम खराब रहा था, जिसमें बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। इस कारण जिले में कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है। हालांकि, पूर्वाह्न 11 बजे मौसम में सुधार हुआ और धूप निकली, लेकिन देर शाम फिर से मौसम खराब हो गया।


बदरीनाथ धाम में अधिकतम तापमान माइनस आठ और न्यूनतम तापमान माइनस तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ज्योतिर्मठ में अधिकतम तापमान चार और न्यूनतम तापमान माइनस एक, और औली में अधिकतम तापमान तीन तथा न्यूनतम तापमान माइनस दो डिग्री सेल्सियस रहा। इस तापमान में गिरावट के कारण लोग दिनभर अपने घरों में ही दुबके रहे।

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