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राष्ट्रीय खेलों में अंकिता ध्यानी का जलवा, उत्तराखंड की बेटी ने जीते दो स्वर्ण और एक रजत पदक

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 फ़र॰
  • 2 मिनट पठन



उत्तराखंड के पहाड़ी गांव मेरुडा की बेटी अंकिता ध्यानी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन किया है। इस युवा एथलीट ने 5000 मीटर और 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता, जबकि 10,000 मीटर रेस में रजत पदक हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि ने खेल जगत में सनसनी मचा दी है और संकेत दे दिया है कि वह अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने को तैयार हैं।


संघर्ष से सफलता तक का सफर


अंकिता का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा। वर्ष 2015 में उन्होंने अपने गांव मेरुडा में पहाड़ों के पथरीले रास्तों पर दौड़ की शुरुआत की थी। नियमित अभ्यास और कठिन परिश्रम ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया। उनकी रिश्ते की बहन अनीशा बताती हैं कि बचपन से ही अंकिता का जुनून और समर्पण अलग था। सुबह-शाम कठिन प्रशिक्षण के बाद उन्होंने खुद को एक बेहतरीन एथलीट के रूप में तैयार किया।


फाइनल रेस में रोमांचक जीत


5000 मीटर दौड़ के फाइनल मुकाबले में अंकिता की टक्कर महाराष्ट्र की संजीवनी जाधव से थी। दौड़ के अधिकांश हिस्से में संजीवनी आगे थीं, लेकिन अंतिम क्षणों में अंकिता ने जबरदस्त स्पीड पकड़ते हुए उन्हें 20 मीटर पीछे छोड़ दिया और स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया। इस जीत के साथ उन्होंने साबित कर दिया कि वह भारतीय एथलेटिक्स में अगली बड़ी सनसनी बनने के लिए तैयार हैं।


परिवार और राज्य में खुशी की लहर


अंकिता की इस सफलता से उनके परिवार और गांव में जश्न का माहौल है। उनके परिजनों का कहना है कि उनकी मेहनत और संघर्ष का फल मिला है। उत्तराखंड सरकार और खेल संघों ने भी उनकी उपलब्धि की सराहना की है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

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