उत्तराखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाने की योजना, कार्यकर्ताओं को मिलेगा स्मार्टफोन और एप का प्रशिक्षण
- ANH News
- 24 मार्च
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राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द ही हाईटेक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अप्रैल और मई से, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन प्रदान किए जाएंगे, और इसके साथ ही उन्हें पोषण ट्रैकर एप के उपयोग में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों की ट्रैकिंग को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है।
स्मार्टफोन और प्रशिक्षण की शुरुआत
अप्रैल में कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे, जिनका उपयोग पोषण ट्रैकर एप को चलाने के लिए किया जाएगा। मई में, प्रत्येक जिले में कार्यकर्ताओं को इस एप का उपयोग करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, किसी भी तकनीकी समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक जिले में सर्विस सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि कार्यकर्ताओं को किसी भी प्रकार की समस्या का त्वरित समाधान मिल सके।
तकनीकी सहायता और टोल-फ्री नंबर
सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए टोल-फ्री नंबर भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस पहल के तहत, राज्य के 20 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे, और इसके लिए टेंडर भी फाइनल हो चुका है। स्मार्टफोन को तकनीकी मंजूरी भी मिल गई है, और एक विशेष पारदर्शी कवर भी कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा, ताकि बरसात में फोन सुरक्षित रहे।
पोषण ट्रैकर एप की महत्व
पोषण ट्रैकर एप का उपयोग आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों की लाइव ट्रैकिंग करने के लिए किया जाएगा। इस एप के माध्यम से कार्यकर्ताओं की उपस्थिति, दैनिक गतिविधियाँ और सेवाओं को अपडेट करना संभव होगा, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में जहां आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुँच में कठिनाई होती है।
राज्य सरकार का उद्देश्य इस पहल से आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों को पारदर्शी बनाना और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना है। पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से मिशन पोषण और आईसीडीएस के लक्ष्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकेगा। यह कदम बच्चों और महिलाओं के पोषण और विकास को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कार्यकर्ताओं की चिंता
हालांकि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। रेखा नेगी, प्रदेश अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन ने कहा कि जब तक कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन और डेटा रिचार्ज नहीं मिलेगा, तब तक वे ट्रैकर एप के फेस कैप्चरिंग के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं करवा पाएंगे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि प्रशिक्षण के बिना किसी कार्यकर्ता पर एप का इस्तेमाल करने का दबाव न डाला जाए।