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Uttarakhand: वित्तीय अनुशासन में सख्ती, पार्किंग फंड और बैंक ड्राफ्ट पर रोक, 31 मार्च डेडलाइन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 मार्च
  • 1 मिनट पठन



उत्तराखंड: वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति से पूर्व 15 मार्च तक सभी वित्तीय स्वीकृतियां जारी कर दी जाएंगी, लेकिन इसमें केंद्र पोषित, बाह्य सहायतित, एसएएससीआई, एसपीए और एसपीआर योजनाओं के प्रस्ताव शामिल नहीं होंगे।


वित्त सचिव, दिलीप जावलकर ने सभी आहरण वितरण अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे पार्किंग फंड के लिए धनराशि का आहरण न करें और न ही किसी कार्य की प्रत्याशा में बैंक ड्राफ्ट बनाकर रखें। ऐसा करने पर इसे वित्तीय अनुशासनहीनता माना जाएगा और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


सभी प्रशासनिक विभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे स्वीकृतियों के तहत देयकों के भुगतान के लिए कोषागार से प्राप्त चेकों का भुगतान 31 मार्च तक कर लें। इसके तहत 15 मार्च तक अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष के स्तर से सभी वित्तीय स्वीकृतियां जारी कर दी जाएंगी।


सभी आहरण वितरण अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी देयकों को कंप्यूटर से जनरेट कर अप्रूव करते हुए 20 मार्च तक आईडी सहित भौतिक रूप से कोषागार में प्रस्तुत करें। कोषागार द्वारा सभी देयकों को ऑनलाइन तैयार किया जाएगा और मैनुअल बिलों को पास नहीं किया जाएगा। सभी डीडीओ को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे वित्तीय स्वीकृति की समय सारणी बनाकर 31 मार्च तक कोषागार से प्राप्त चेकों का भुगतान सुनिश्चित करें।

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