14 साल की उम्र और IPL डेब्यू , 'रन मशीन' वैभव ने क्रिकेट की दुनिया में रचा इतिहास
- ANH News
- 21 अप्रैल
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क्रिकेट की दुनिया में जब किसी खिलाड़ी का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज होता है, तो उसके पीछे सालों की मेहनत और कई कुर्बानियां छिपी होती हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है वैभव सूर्यवंशी की — जिसने महज 14 साल की उम्र में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में डेब्यू कर सबसे कम उम्र में आईपीएल खेलने वाले खिलाड़ी का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
राजस्थान रॉयल्स ने जताया भरोसा, 1.10 करोड़ में किया था साइन
मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को 1.10 करोड़ रुपये की बड़ी रकम में खरीदा था। कई लोगों को यह फैसला हैरान कर सकता था, लेकिन टीम मैनेजमेंट को पता था कि ये बालक असाधारण प्रतिभा का धनी है। कुछ शुरुआती मैचों में उन्हें बाहर बैठाने के बाद लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ उन्हें मौका दिया गया — और उन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में 20 गेंदों पर 34 रनों की तेज़तर्रार पारी खेलकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।

IPL के लिए छोड़ा सबसे पसंदीदा खाना
वैभव के कोच मनीष ओझा ने बताया कि इस ऐतिहासिक पारी के पीछे सिर्फ मेहनत ही नहीं, बलिदान भी छिपा है। उन्होंने बताया कि वैभव को जब डाइट चार्ट दिया गया, तो उसमें साफ निर्देश था — मटन और पिज्जा पूरी तरह से बंद।
“उसे मटन और पिज्जा बहुत पसंद हैं। लेकिन डाइट के निर्देश मिलते ही उसने इन्हें छोड़ दिया। जब कभी मटन बनता था, चाहे जितना दे दो, खत्म कर देता था। लेकिन अब वह सब छोड़ चुका है। ये उसकी लगन और समर्पण का उदाहरण है।” — कोच मनीष ओझा
लारा और युवराज का 'कॉम्बो' है वैभव
कोच मनीष ओझा का मानना है कि वैभव में दो दिग्गजों की झलक मिलती है — ब्रायन लारा की क्लास और युवराज सिंह का आक्रामक अंदाज़।

“वह एक निडर बल्लेबाज है। उसका फुटवर्क, टाइमिंग और आत्मविश्वास गज़ब का है। मैं दावे से कह सकता हूं कि आने वाले मैचों में वह लंबी पारियां खेलेगा। वह युवराज और लारा का मिक्सचर है।” — मनीष ओझा
14 साल की उम्र में आईपीएल: केवल शुरुआत है
इस उम्र में जहां अधिकांश बच्चे स्कूल की परीक्षाओं और ट्यूशन के चक्रव्यूह में फंसे होते हैं, वैभव ने क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर खुद को साबित किया है। उनकी पहली पारी ने दिखा दिया है कि यह सिर्फ शुरुआत है, मंज़िलें अभी और भी हैं।
कहानी जो प्रेरणा देती है
वैभव सूर्यवंशी की कहानी सिर्फ क्रिकेट फैंस के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ छोड़ने को तैयार है। तपस्या, अनुशासन और समर्पण ही किसी खिलाड़ी को असाधारण बनाते हैं — और वैभव ने ये सब 14 की उम्र में ही साबित कर दिया है।