अब एंबुलेंस की लोकेशन होगी 100% सटीक, समय पर सेवा न मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई!
- ANH News
- 30 जन॰
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Uttarakhand: प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब, 108 एंबुलेंस सेवा का बेड़ा 272 से बढ़ाकर 334 किया जाएगा। इसके साथ ही, एंबुलेंस सेवा के संचालन में और सुधार के लिए जिला स्तर पर बैकअप व्यवस्था की जाएगी। विशेष रूप से पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रिस्पॉन्स टाइम तय किए गए हैं, ताकि दुर्घटनाओं के दौरान तत्काल सहायता प्रदान की जा सके।
दुर्घटनाओं के दौरान सटीक लोकेशन की जानकारी और समय सीमा में एंबुलेंस का पहुंचना तय
अब दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को एंबुलेंस की लोकेशन के बारे में सटीक जानकारी दी जाएगी, ताकि उनकी मदद जल्दी हो सके। इसके साथ ही, यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होती है, तो सेवा प्रदाता कंपनी पर तीन गुना जुर्माना लगाया जाएगा। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में इस महत्वपूर्ण पहल को लेकर दिशा-निर्देश दिए।
पर्वतीय क्षेत्रों में एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम 18 से 20 मिनट, मैदानी क्षेत्रों में 15 मिनट
स्वास्थ्य मंत्री ने एंबुलेंस की जवाबदेही तय करने के साथ ही, रिस्पॉन्स टाइम को कम करने का निर्देश दिया। पर्वतीय क्षेत्रों में एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम 18 से 20 मिनट और मैदानी इलाकों में 15 मिनट तय किया गया है। साथ ही, मरीजों को एंबुलेंस के आगमन की सटीक लोकेशन की जानकारी भी दी जाएगी।
सख्त कार्रवाई के साथ सेवा में सुधार
डॉ. रावत ने कहा कि यदि तय समय सीमा के भीतर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं होती है तो सेवा प्रदाता कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और तीन गुना जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, ड्राइवर या मेडिकल स्टाफ का मरीजों के साथ दुर्व्यवहार होने पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के दौरान रास्ते में एंबुलेंस नहीं बदलेगी। इसके लिए जिलों में बैकअप एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी।
एंबुलेंस की कमी वाले क्षेत्रों में नई एंबुलेंस की व्यवस्था
जहां कहीं भी विकासखंडों में एंबुलेंस की कमी है, वहां जल्द ही एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में मरीजों को समय पर सहायता मिल सके।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जैसे प्रभारी महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. मनोज उप्रेती, संयुक्त निदेशक तुहिन कुमार और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इस योजना को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात की।